औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर के बीच प्रदेश में कोरोना संक्रमण में अप्रत्याशित वृद्धि के मद्देनजर औरंगाबाद सिविल कोर्ट और दाउदनगर सब-डिविजनल सिविल कोर्ट शुक्रवार से वर्चुअल मोड में आ गया है।
पटना उच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिवगोपाल मिश्र के आदेश के आलोक में अगले आदेश तक अब सभी न्यायिक कार्य वर्चुअल मोड में ही होंगे। हालांकि वर्चुअल मोड की शुरुआत के साथ ही अधिवक्ताओं ने इसका विरोध भी किया लेकिन उनके विरोध का कोई खास असर नही हुआ। जिला जज के आदेश पर जिला विधिक संघ के अधिवक्ताओं ने नाराजगी जाहिर करते हुए एक बैठक भी की। बैठक में उपस्थित अधिवक्ताओं ने निर्णय लिया कि जबतक फिजिकल कोर्ट नही होंगे तब तक संघ के अधिवक्ता वर्चुअल कोर्ट में भाग नही लेंगे। अधिवक्ताओं ने अपने इस निर्णय की प्रति उच्च न्यायालय एवं व्यवहार न्यायालय को दे दी है। जिला जज के आदेश पर जहां कई अधिवक्ताओं ने आपत्ति जताई है, वही कई अधिवक्ताओं ने स्वागत भी किया है और इस निर्णय को मानव जीवन को बचाने वाला बताया है।
वर्चुअल मोड के जरिए ही दर्ज होंगे मुकदमे
इस दौरान सभी मुकदमे वर्चुअल तरीके से फाइलिंग सिस्टम के जरिए दर्ज किए जाएंगे। वहीं न्यायालय परिसर में वादियों और बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित रहेगा। कोरोना महामारी के नियमों के अनुपालन के साथ औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय और दाउदनगर अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय में केवल न्यायिक अधिकारी, न्यायालय कर्मचारी और अधिवक्ता लिपिक को ही अदालत परिसरों में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है।
सख्ती से होगा नियमों का पालन
न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वालों को फेस-मास्क का उपयोग करना, हाथों को सैनिटाइज करना और सामाजिक दूरी को बनाए रखने जैसे नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। औरंगाबाद क जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा सभी न्यायालयों को साफ और सैनिटाइज करने के लिए निर्देशित भी किया गया है।