Police में नौकरी लगते ही पति व ससुरालियों का बदला रंग-ढ़ंग, दहेज की मांग पूरी नही होने पर विवाहिता को जहर देकर मारने की कोशिश, बच जाने के बाद न्याय के लिए दर-दर की ठोंकरे खा रही विवाहिता, SP से न्याय की गुहार


औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। युवक की शादी हुई। पत्नी के ससुराल आते ही पति की किस्मत चमक गई। उसकी पुलिस में नौकरी लग गई। पति की नौकरी लगने के तीन साल तक सबकुछ ठीक ठाक रहा। इस दौरान एक बेटी भी हुई, जो अभी छः साल की है। नौकरी लगते ही युवक और उसके परिवार के रंग ढंग बदल गए। विवाहिता से दहेज की मांग होने लगी।

प्रताड़ना का दौर शुरू हो गया। इसी बीच उसे जहर देकर जान मारने की भी कोशिश हुई लेकिन उपर वाले की मेहरबानी से वह बच गयी। अब मामला कोर्ट-कचहरी का चल रहा है और वह न्याय के लिए दर दर की ठोंकरे खा रही है। मामला भागलपुर के तातारपुर थाना के कंपनी बाग का है, जो औरंगाबाद से इस कारण जुड़ा है क्योकि विवाहिता का पति औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक के आवास पर कार्यरत है।

रो-रोकर विवाहिता ने बताया दुखड़ा-

मामले को लेकर औरंगाबाद की पुलिस कप्तान स्वपना गौतम मेश्राम से न्याय की गुहार लगाने आई पीड़िता चंद्रकला देवी ने रोते-बिलखते हुए बताया कि उसका मायका भागलपुर के नाथनगर थाना के पुरानी सराय है। वह राधारमण मंडल की पुत्री है। उसकी शादी 20 मई 2013 को भागलपुर के तातारपुर थाना के कंपनी बाग निवासी दिनेश मंडल के पुत्र गोपाल मंडल के साथ हुई थी। शादी के तीन साल बाद पति की लगी नौकरी, बदल गया रंग-ढ़ंग-शादी के तीन साल बाद 2016 में बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर नौकरी लग गई। नौकरी लगने के बाद पति और पूरे परिवार का रंग ढंग बदल गया। उसे दहेज की मांग को लेकर ससुरालियों द्वारा प्रताड़ित किया जाने लगा। दहेज की मांग पूरी नही होने पर 21 अप्रैल 2019 को उसे जहर खिलाकर मारने का प्रयास किया गया लेकिन वह बच गई।


मामले की दर्ज कराई प्राथमिकी

इसके बाद उसने भादंवि की धारा 323, 328, 498 ए, 34 एवं 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत तातारपुर थाना में पाथमिकी संख्या-104/2019 दर्ज करा दी। इस मामले में जमानत के लिए पति ने पटना उच्च न्यायालय में दायर अर्जी में कहा कि वह पत्नी को ससम्मान अपने साथ रखेगा। इस आधार पर हाइकोर्ट ने पत्नी को साथ रखने का निर्देश देते हुए दो माह की औपबंधक जमानत दे दी। घर ले जाने की बात कहकर कोर्ट में छोड़ गया पति-पति ने 16 अगस्त 2022 को कोर्ट में झूठ बोला कि वह पत्नी को घर ले जा रहा है लेकिन वह उसे घर ले जाने के बजाय कोर्ट में ही छोड़ गया। कहा कि मेरी एक छः साल की पुत्री है, जिसका भरण पोषण करने में वह समर्थ नही है। पति न मुझे और न ही पुत्री को अपने साथ रखता है। न तो किसी तरह का खर्च देता है और न ही न्यायालय का आदेश मानता है। इसी वजह से उसने एसपी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। एसपी ने कहा-जांच कर होगी कार्रवाई-मामले में एसपी स्वपना गौतम मेश्राम ने कहा कि महिला ने शिकायत आवेदन दिया है। शिकायत की जांच की जिम्मेवारी पुलिस लाइन के मेजर को दी गई है। जांच रिपोर्ट के आलोक में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पति ने कहा-कोर्ट का आदेश मानेंगे-वही मामले में पीड़िता के पति गोपाल मंडल ने कहा कि मामला कोर्ट में है। कोर्ट का जो आदेश आएगा, वह उसका पालन करेगा।