औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद जिलें में मदनपुर की उमगा पहाड़ी पर गौरी-षंकर खोह में स्थापित अत्यंत प्राचीन पुरातात्विक पालकालीन गौरी-शंकर की मूर्ति और अति प्राचीन शिवलिंग को असमाजिक तत्वों ने तोड़ कर बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है। लोगो खासकर इससे हिंदु समाज की भावनाएं आहत हुई है।
अति प्राचीन मूर्तियों को खंडित किये जाने से लोगों का गुस्सा उबाल पर है। लोग मूर्तियों को खंडित करने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान कर कार्रवाई करने की लगातार मांग कर रहे है। गौरतलब है कि उमगा पहाड़ी पर 52 मंदिरों का समूह है और समूह के हर मंदिर में देवी-देवताओं की एक से बढ़कर एक दुर्लभ और अति प्राचीन मूर्तियां स्थापित है।
इस स्थल की महता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उमगा पहाड़ी पर स्थित 52 मंदिरों के समूह को यूनेस्को के विष्व धरोहर की सूची में शामिल करने की चर्चा जोर पकड़ चुकी थी। इसी चर्चा के बीच असामाजिक तत्वों ने अति प्राचीन मूर्तियों को तोड़ कर धार्मिक भावनाओं को आहत करते हुए लोगो के गुस्से में उबाल ला दिया है। इन्ही मंदिरों के समूह में एक अति प्राचीन सूर्य मंदिर भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा ने एक ही रात में तीन मंदिरों-देव, देवकुंड और उमगा का निर्माण किया था।
इतना ही नही गौरीशंकर खोह को छोड़कर इस समूह के अन्य मंदिरों तक पहुंचना इस कारण सरल है कि इन मंदिरों तक जाने के लिउए पहाड़ों को काट कर सीढ़ीयां बनी हुई है। वही गौरीशंकर खोह जाने का पहाड़ी रास्ता बेहद संकीर्ण, चुनौतीपूर्ण और कंकरीला-पथरीला है। इस कारण साहसी श्रद्धालु ही दुर्गम रास्ते से होकर गौरीशंकर की दुर्लभ मूर्ति के दर्शन करने जाया करते है।
गौरीशंकर की मूर्ति के दुर्लभ होने का कारण यह है कि यहां स्थापित गौरी यानी देवी पार्वती और शंकर यानी भगवान शंकर की मूर्ति युगल रुप में होने के साथ ही मैथुनी मुद्रा में है, और इस मूर्ति में भगवान शंकर का हाथ गौरी पार्वती के वक्षस्थल पर है, जो सृजन का परिचायक है तथा यह दुनियां की इकलौती मूर्ति है, जिसे असामाजिक तत्वों ने खंडित कर दिया है। हालांकि इस मामले में औरंगाबाद के पुलिस कप्तान कांतेष कुमार मिश्रा का दावा है कि पुलिस मूर्तियों को खंडित करनेवाले असामाजिक तत्वों की षिनाख्त की जा रही है और शीघ्र ही वें पुलिस के गिरफ्त में होंगे।