नई दिल्ली(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने खास पहल की शुरुआत की है। मंत्रालय ने डेयरी क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, गोपाल रत्न पुरस्कार शुरू करने की घोषणा की।
तीन श्रेणियों में मिलेगा पुरस्कार
दरअसल, हर साल एक जून को विश्व दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय मंत्री ने गोपाल रत्न पुरस्कार शुरू करने की घोषणा करते हुए, इसके बारे में जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि इसकी तीन श्रेणियां हैं, पहला- सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान, दूसरा- सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) और तीसरा- सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी / दुग्ध उत्पादक कंपनी / एफपीओ।
15 जुलाई तक कर सकते हैं आवेदन
उन्होंने कहा कि पात्र किसान/डेयरी सहकारी समितियां/एआई तकनीशियन पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और पुरस्कार के लिए पोर्टल 15 जुलाई 2021 से खुलेगा। पुरस्कार के लिए विजेताओं की घोषणा 31 अक्टूबर 2021 को की जाएगी।
उमंग प्लेटफॉर्म के साथ ई-गोपाला एप का होगा एकीकरण
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने उमंग प्लेटफॉर्म के साथ ई-गोपाला एप के एकीकरण की भी घोषणा की ताकि उमंग प्लेटफॉर्म के 3.1 करोड़ उपयोगकर्ताओं को एप तक पहुंच प्राप्त हो सके। ई-गोपाला एप (उत्पादक पशुधन के माध्यम से धन का सृजन) एक व्यापक नस्ल सुधार बाजार और किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए सूचना पोर्टल प्रधानमंत्री द्वारा 10 सितंबर 2020 को लॉन्च किया गया था।
प्रति व्यक्ति उपलब्धता में भी वृद्धि
इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत डेयरी देशों में एक वैश्विक लीडर है और 2019-20 के दौरान 198.4 मिलियन टन दूध का उत्पादन किया। 2018-19 के दौरान दूध के उत्पादन का मूल्य वर्तमान कीमतों पर 7.72 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जो गेहूं और धान के कुल उत्पादन के मूल्य से भी अधिक है।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 6 वर्षों के दौरान दुग्ध उत्पादन 6.3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की औसत वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है, जबकि विश्व दुग्ध उत्पादन 1.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से बढ़ रहा है। दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 2013-14 में जहां 307 ग्राम थी, वहीं अब बढ़कर 2019-2020 में 406 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन हो गई है, जो कि 32.24 प्रतिशत की वृद्धि है।
डेयरी क्षेत्र 8 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों की आजीविका का स्रोत
उन्होंने आगे कहा कि हमारा डेयरी क्षेत्र 8 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों को आजीविका प्रदान करता है। इसमें मुख्य रूप से छोटे और सीमांत और भूमिहीन किसान जुड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि डेयरी सहकारी समिति अपनी बिक्री का औसतन 75 प्रतिशत किसानों को प्रदान करती है और 2 करोड़ से अधिक डेयरी किसान डेयरी सहकारी समितियों में संगठित हुए हैं और 1.94 लाख डेयरी सहकारी समितियां दूध गांवों से दूध एकत्र कर रही हैं।