- सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ायी की है पूरी
- सोशल मीडिया के माध्यम से करते हैं जागरूक
- कोरोना की दूसरी लहर के दौरान से शुरू की मुहिम
पटना | कोरोना को मात देने के लिए टीकाकरण से बड़ा कोई विकल्प नहीं है। देश-विदेश के चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि टीकाकृत लोगों की तुलना में जिन्होंने टीका नहीं लिया है उन्हें कोरोना संक्रमण का ख़तरा अधिक है। साथ ही यदि टीकाकृत व्यक्ति संक्रमित भी होता है तो उन्हें अधिक स्वास्थ्य गंभीरता होने की संभावना कम जाती है। ऐसे में जरूरी है कि टीकाकरण के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़े और अधिक से अधिक लोग ख़ुद को टीकाकृत भी कराएं। इसके लिए यह भी काफ़ी जरूरी है कि युवाओं में टीकाकरण के प्रति रुझान भी बढ़े, क्योंकि देश की एक बड़ी जनसंख्या युवाओं की है। इस दिशा में सिविल इंजीनियरिंग पास कर चुके पटना निवासी अमित कुमार एक मिसाल पेश कर रहे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर से शुरू की मुहिम:
अमित कुमार कहते हैं कि कोरोना की पहली लहर के दौरान वह भी कोरोना संक्रमण को लेकर अधिक चिंतित नहीं थे। उन्हें भी यह लगता था कि जितनी चर्चा कोरोना संक्रमण को लेकर की जा रही है, वह निर्रथक है। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के बाद उनकी यह सोच बदल चुकी थी। दूसरी लहर में संकमण के बढ़ते प्रसार एवं इससे हुई कई लोगों की मौत ने उन्हें भीतर से परेशान किया। अमित कहते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उन्होंने ठान लिया था कि वह अपने तरह के युवाओं को जागरूक करेंगे। इसके लिए उन्होंने पहले ख़ुद टीका लिया एवं फ़िर युवाओं को जागरूक करने में जुट गए।
सोशल मीडिया को बनाया हथियार:
अमित कहते हैं कि वह व्हाट्सएप, फेसबुक एवं इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर काफ़ी सक्रिय रहते हैं। इसलिए उन्होंने इसे ही लोगों को जागरूक करने का माध्यम बनाया। वह बताते हैं कि उनके कई मित्र थे जो टीकाकरण कराने के पक्ष में नहीं थे। लेकिन उन्होंने ऐसे कई मित्रों को अपना उदाहरण देकर उनकी शंका को दूर किया। उन्होंने बताया कि उनके कुछ ऐसे भी दोस्त थे, जो टीकाकरण के बाद संभावित साइड इफ़ेक्ट से डर रहे थे। लेकिन जब अमित ने उन्हें कई लोगों के उदाहरण देकर समझाया तो उनकी भ्रांति भी दूर हुई।
युवाओं को पहल करना जरूरी:
अमित कहते हैं कि वह ऐसे कई युवाओं को जानते हैं जो अच्छी शिक्षा हासिल करने के बाद भी कोविड टीकाकरण को सुरक्षित नहीं मानते हैं। जबकि देश एवं विदेश की कई प्रामाणिक संस्थानों ने इसे पहले ही सुरक्षित कहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना को हराने के लिए अधिकतम लोगों का टीकाकरण बहुत जरूरी है, जिसमें युवाओं की भूमिका न सिर्फ़ महत्वपूर्ण है बल्कि समाज, राज्य एवं देश को कोरोना की कहर से बचाने के लिए जरूरी भी है।