शिक्षा मंत्री से मिला एआईएसएफ प्रतिनिधिमंडल : सभी STET उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शामिल करने पर बनी सहमति, जल्द जारी होगा नोटिफिकेशन

  • विश्वविद्यालय छात्रों को प्रमोट करने के लिए सरकार करेगी पहल
  • शिक्षक नियोजन इकाईयां बनाएगी मेरिट
  • महिलाओं को आरक्षण देने पर दिलाया भरोसा

पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) के पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षा मंत्री विजय चौधरी से आज मुलाकात किया। वे गुरुवार को शिक्षा मंत्री आवास एवं बिहार बोर्ड पर एआईएसएफ के उग्र प्रदर्शन के बाद आज अपने आवास पर प्रतिनिधिमंडल से वार्ता कर रहे थे।
एआईएसएफ के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री से कहा की मार्च महीने में आपने परीक्षा फल जारी करते समय उत्तीर्ण होने वाले सभी अभ्यर्थियों की पक्की नौकरी का भरोसा दिलाया था।

वहीं 21 जून को तीन विषयों का एसटीईटी का परीक्षा फल जारी करने के बाद उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में मेरिट और नन मेरिट का लिस्ट जारी करना हास्यास्पद है। प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री से सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को बहाली प्रक्रिया में शामिल करने और इसका नोटिफिकेशन शीघ्र जारी करने की मांग की। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग इस संबंध में निर्णय ले चुका है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण सभी अभ्यर्थियों को बहाली प्रक्रिया में शामिल कराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कुछ गड़बड़ियां हुई थी जिसे सुधार लिया गया है और शीघ्र ही इसका नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल ने बहाली प्रक्रिया में रिक्तियों एवं रोस्टर का पालन करते हुए कट ऑफ जारी करने की मांग की। जिस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि नियोजन इकाईयां रोस्टर का पालन करते हुए मेरिट लिस्ट तैयार करेगी। इस संबंध में नियोजन शुरू होने से पहले सभी इकाइयों को निर्देश पहुंच जाएगा। एआईएसएफ के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री से एसटीईटी की नियुक्ति में सरकार के वादे अनुसार 35 फ़ीसदी महिलाओं के आरक्षण देने की मांग की।

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आरक्षित वर्ग की महिलाएं अगर अपने मेरिट की बदौलत आ जाती है तो उनको मेघा सूची में जगह दिया जाए और उसके अतिरिक्त 35 फीसदी महिलाओं की भागीदारी सरकार सुनिश्चित करे। शिक्षा मंत्री ने कहा की महिला सशक्तिकरण को लेकर सरकार कृत संकल्पित है उन्होंने इस मसले की तरह ध्यान आकृष्ट कराए जाने के लिए एआईएसएफ के प्रतिनिधिमंडल को धन्यवाद दिया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसे भी बैठक में निर्णय लेकर हर हाल में लागू कराया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी सरकार ने 33 फ़ीसदी सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित की है।

प्रतिनिधिमंडल द्वारा विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में छात्रों को सीबीएसई एवं बिहार बोर्ड की तरह प्रमोट करने की माँग को लेकर लगातार आंदोलन चलाए जाने एवं पिछले दिनों पत्र भेजने का ज़िक्र करते हुए प्रमोट करने की मांग किया। प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षामंत्री से कहा कि पिछले दिनों कोरोना की वजह से लगातार कैंपस बंद है। शिक्षामंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय में निर्णय लेने का अधिकार कुलाधिपति एवं कुलपति को है। एआईएसएफ के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षामंत्री से इस मसले को लेकर पहल का अनुरोध किया। शिक्षामंत्री ने कहा कि वे छात्रों की मांगों से सहमत हैं। राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में पहल का भरोसा उन्होंने दिलाया।

शिक्षामंत्री से वार्ता करने वाले प्रतिनिधिमंडल में एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार,राज्य अध्यक्ष अमीन हमजा, राज्य सह सचिव जन्मेजय कुमार, धर्मेन्द्र क्रांति एवं कृष्ण मुरारी मौजूद थे।