मधुबनी में अवैध नर्सिंग होम पर नोटिस देने के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई, प्रशासन मौन

मधुबनी (गोपाल कुमार)। मधुबनी जिले के खुटौना बाजार में संचालित अवैध नर्सिंग होम, पैथोलॉजी एवं डायग्नोस्टिक सेंटर आदि में मरीजों को सोषण हो रहा है। वहीं संचालित अवैध जांच घरों में बैखौफ होकर भ्रूण लिंग जांच भी की जाती है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के नाक के नीचे होते रहते है। वाबजूद उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।

कार्रवाई के नाम पर नोटिस जारी कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देने से कई सवाल खड़े हो रहे है। आखिर क्यों नहीं होती करवाई? कब तक मरीज और परिजन शोषण के शिकार होते रहेंगे। कब तक मासूम बच्चो पर अत्याचार होते रहेंगे।

बता दें कि बाजार से लेकर ग्रामीण इलाके में नित्य नए नर्सिंग होम , पैथोलॉजी जांच घर एवं डायग्नोस्टिक्स सेंटर खोले जा रहे है। खासकर बाजार मुख्यालय आदि के निकट इसकी भरमार हो गई है। सिर्फ खुटौना थाना से लेकर इंद्रा चौक तक इनकी संख्या दो दर्जन से अधिक है। लेकिन इक्का – दुक्का छोड़ अधिकांश के पास न तो निबंधन प्रमाण पत्र है। और ना ही विभागीय मापदंड का हो रहा है।

खुटौना सीएचसी स्वास्थ्य प्रबंधक मनीष झा के अनुसार अवैध नर्सिंग होम, पैथोलॉजी जांच घर एवं डायग्नोस्टिक्स सेंटर को लेकर मिल रही सिकायत के आलोक में सिविल सर्जन मधुबनी के आदेश पर बीडीओ आलोक कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी विजय मोहन केशरी व थानाध्यक्ष संतोष कुमार मंडल के द्वारा एक जांच टीम गठित कर सभी संस्थानों की जांच की गई थी।

उस दौरान स्थानीय प्रभारी को 16 संस्थानों के जनहित में मानक पर खड़ा नहीं उतरने वाले नर्सिंग होम, पैथोलॉजी जांच घर, डायग्नोस्टिक्स सेंटर आदि की जांच कर करवाई का निर्देश जारी किया गया था। इसके बावजूद खुले याम अवैध संस्थान फल फूल रहे है।

वहीं फिर एक बार ज्ञापंक 861 दिनांक 28 जनवरी 2021 को 32 संस्थानों को बन्द करने का नोटिस जारी किया गया था। जिसमे लौकहा के लक्ष्मी नर्सिंग होम, यूनिक अल्ट्रासाउंड, मनोरमा जांच घर और खुटौना मे दरभंगा डायग्नोस्टिक्स, लाइफ केयर डायग्नोस्टिक्स उज्ज्वल क्लीनिक, नेशनल पैथोलॉजी, राज नर्सिंग होम, मां अल्ट्रासाउंड , पटना सर्जिकल अल्सीफा क्लीनिक, न्यू कृष्णा नर्सिंग होम , सिटी हॉस्पिटल, किसान नर्सिंग होम, दरभंगा अल्ट्रासांउड कृष्णा डायग्नोस्टिक्स, आरोग्य पैथो लैब्स एवं ड्रा राम उदगार महतो की जांच में संबंधित सभी संस्थानों ग़ैर मानक था। इससे सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है की स्थिति क्या है।