पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। कोविड के तबाही भरे दौर में कमरतोड़ महंगाई के खिलाफ अखिल भारतीय विरोध पकवाड़ा के तहत बिहार के सभी जिलों में सीपीआई के नेतृत्व में वामपंथी दलों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रमुख रूप से पटना, गया, जहानाबाद, अरवल, नवादा, कैमूर, पूर्वी चंपारण, सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, कटिहार, भागलपुर, बांका, मुंगेर, शेखपुरा, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, पश्चिम चंपारण, बक्सर, सारण, नालन्दा, लखीसराय, वैशाली, रोहतास आदि जिलों में जोरदार प्रदर्शन हुआ।
राजधानी पटना में बुद्धा स्मृति पार्क से निकला जुलूस डाकबंगला, आकाशवाणी होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा जहां वामपंथी दलों के कार्यकर्ता अन्यथा कमरतोड़ महंगाई पर रोक लगाने पेट्रोल डीजल के दाम वापस लेने खाद्य पदार्थों के बेतहाशा बढ़ रही कीमतों पर रोक लगाने की मांग को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन का नेतृत्व सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई एमएल, फॉरवर्ड ब्लॉक व आरएसपी के नेता कर रहे थे। डाक बंगला पर प्रदर्शनकारियों और प्रशासन के बीच तीखी नोकझोंक हुई और प्रदर्शनकारी पुलिस को पीछे ठेलता हुआ अपने घोषित स्थान रेडियो स्टेशन के समीप पहुंचे, जहां पर एक सभा हुई।
सभा को भाकपा राज्य सचिव मंडल सदस्य जानकी पासवान ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार जनविरोधी एवं संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पहुंच गई है। जिसे कोरोना विपदा के मार खाए लोगों के आर्थिक हालात नहीं दिख रहे हैं और वह केवल कारपोरेट हितों के लिए मूल्य वृद्धि किए जा रहे हैं जिससे सभी वस्तुओं की मूल्य में वृद्धि हो रही है। इसलिए आम जनों को सरकार की ऐसी नीतियों के खिलाफ प्रखर संघर्ष का शंखनाद करना चाहिए।
वहीं वामपंथी नेताओं ने कहा कि सरकार समझती है की जन आंदोलनों को लाठियों के बल पर कुचल देंगे तो उनकी गलतफहमी है। लाल झंडे का आंदोलन गोलियों से नहीं डरता तो लाठियां कैसे रोक सकती है। इसलिए यह आंदोलन महंगाई के खात्मे तक जारी रहेगी। नेताओं ने कहा कि कॉरपोरेट पक्षीय नीतियों को महंगाई के लिए जिम्मेदार कहा और कहा कि मोदी – नीतीश सरकार को आम जनों से कोई लेना देना नहीं है। नेताओं ने कहा कि महंगाई के खिलाफ आंदोलन को और तेज करने का आह्वान किया।
उपरोक्त नेताओं के अलावा भाकपा जिला सचिव कामरेड रामलला सिंह अखिलेश कुमार, रविंद्र नाथ राय, गजनफर नवाब, माकपा के राज्य सचिव कामरेड अवधेश कुमार, गणेश सिंह, जिला सचिव मनोज कुमार चंद्रवंशी, भाकपा माले के विधायक सत्यदेव राम, धीरेंद्र झा, मीना तिवारी, शशि यादव, रणविजय कुमार समेत वामपंथी दलों के बड़ी संख्या में नेता व कार्यकर्ता आंदोलन में शामिल थे।