औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद जिला प्रषासन द्वारा आसन्न पंचायत चुनाव को लेकर सरकारी कर्मचारियों के व्यापक तबादले खासकर कार्यपालक सहायकों के स्थानांतरण पर कार्यपालक सहायक सेवा संघ ने गहरी आपति जताई है।
संघ के कार्यकारी जिलाध्यक्ष कमल कुमार ने कहा कि जिला स्थापना शाखा के ज्ञापांक 405 एवं 406, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के ज्ञापांक 50, ज्ञापांक 172, जिला प्रोग्राम शाखा के ज्ञापांक 15 के माध्यम से आरटीपीएस, मनरेगा एवं आईसीडीएस में कार्यरत सभी कार्यपालक सहायकों के जिलाधिकारी द्वारा स्थानांतरण में बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी, बिहार पटना के पत्रांक 1209 दिनांक 05.07.2019 एवं पत्रांक 141 दिनांक 31.07.2015 की अनदेखी की गई है। इस पत्र की कंडिका- 6 में स्पष्ट उल्लेख है कि कार्यपालक सहायकों का सामान्यतः स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है। जबकि जिलाधिकारी द्वारा बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी के पत्रों की अनदेखी करते हुए संविदा पर नियोजित जिले के लगभग सभी कार्यपालक सहायकों को नियमित कर्मचारियों की भांति मूल पदस्थापना कार्यालय से काफी दूर स्थानांतरण कर दिया गया है। उन्होने कहा कि कार्यपालक सहायक एक अल्प मानदेय भोगी कर्मी है।
तबादले से इन्हें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए प्रति दिन लंबी यात्रा करनी पड़ेगी, जो इनसे संभव नहीं है। कार्यपालक सहायकों को कोई यात्रा भता भी देय नहीं है। इतना ही नही स्वास्थ्य विभाग से वापस पैनल में आये कार्यपालक सहायकों का सात माह बीत जाने के बाद भी समायोजन नहीं किया गया है जबकि गया जिला में कार्यपालक सहायकों का समायोजन दिनांक 29.05.2021 को किया गया है। वर्तमान में लाॅकडाउन की अवधि में कार्यपालक सहायकों की स्थिति बहुत दयनीय हो चुकी है। इसके कारण पूरा परिवार भूखमरी के कगार पर है। साथ ही उनके परिवार एवं बच्चों के शैक्षणिक कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में जिलाधिकारी द्वारा स्थानांतरित कार्यपालक सहायको के तबादला को स्थगित एवं स्वास्थ्य विभाग से वापस पैनल में आये कार्यपालक सहायकों का समायोजन नहीं किया जाता है तो कार्यपालक सहायक सेवा संघ आंदोलन करेगा।