औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद जिला प्रशासन द्वारा समाहरणालय परिसर में मैला ढ़ोने की प्रथा से मुक्ति को ‘आजादी का अमृत महोत्सव‘ के रुप में मनाया गया।
आईसीडीएस की डीपीओ रीना कुमारी ने बताया कि इस अवसर पर आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाओं द्वारा रंगोली बनाकर मैला ढ़ोने की प्रथा(मैनुअल स्कैवेंजिंग) से आजादी को दर्शाया गया। उन्होंने बताया कि मैनुअल स्कैवेंजिंग मानवता का अपमान है एवं सिर पर मैला ढोना स्वास्थ्य के लिए भी खतरा उत्पन्न करता है। मैनुअल स्कैवेंजिंग छोड़कर कई लोग आज गरिमा पूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
साथ ही प्रोहिबिशन ऑन एम्प्लॉयमेंट ऑफ मैनुअल स्कैवेंजर्स एक्ट कानून आने के पश्चात उनके अधिकारों की रक्षा भी हुई है। इस कानून के आने के पश्चात सिर पर मैला ढोने की प्रथा का अंत हुआ है। इस अधिनियम का उल्लंघन करने वालों को एक साल की जेल और दो हजार का जुर्माना अथवा दोनों किया जाता है। इस अवसर पर अपर समाहर्ता आशीष कुमार सिन्हा, वरीय उप समाहर्ता मनीष कुमार एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।