नई दिल्ली(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। केंद्र सरकार मध्याह्न-भोजन (मिड-डे-मील) योजना के तहत 11.8 करोड़ छात्रों के खातों में सीधे वित्तीय सहायता भेजेगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने मिड-डे-मील योजना के खाना पकाने की लागत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से पात्र बच्चों को देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने शुक्रवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर इस विषय की जानकारी देते हुए कहा कि इससे मध्याह्न भोजन कार्यक्रम को गति मिलेगी। यह भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) के तहत लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम की दर से मुफ्त खाद्यान्न वितरण की घोषणा के अतिरिक्त है।
बच्चों के पोषण स्तर को सुरक्षित रखने में करेगा मदद
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह निर्णय बच्चों के पोषण स्तर को सुरक्षित रखने में मदद करेगा और चुनौतीपूर्ण महामारी के समय में उनकी प्रतिरोधक क्षमता की रक्षा करने में मदद करेगा। इस उद्देश्य के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को लगभग 1 हजार, 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रदान करेगी। केंद्र सरकार के इस विशेष कल्याणकारी उपाय से देश भर के 11 लाख, 20 हजार सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले लगभग 11 करोड़, 80 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे।
इससे पूर्व सरकार द्वारा मध्याह्न भोजन योजना के तहत खाने की गुणवत्ता में सुधार करने के लिये रसोइयों को प्रशिक्षित करने की घोषणा की गई थी। इस सम्बन्ध में शिक्षा मंत्रालय के द्वारा इस योजना को सुदृढ़ बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखने के लिए दिशा निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद व्यय वित्त समिति के ज्ञापन को शिक्षा मंत्री ने मंजूरी दी थी।
उल्लेखनीय है कि यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मध्याह्न भोजन योजना को लेकर कई सिफारिशें की गई हैं। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मध्याह्न भोजन के साथ सरकारी या सहायता प्राप्त स्कूलों में बच्चों को नाश्ता मुहैया कराने का प्रावधान रखने का भी प्रस्ताव है। नयी शिक्षा नीति में कहा गया है कि सुबह के समय पोषक नाश्ता मिलना ज्ञान-संबंधी विषयों की पढ़ाई में लाभकर हो सकता है।
क्या है मध्याह्न भोजन योजना?
मध्याह्न भोजन योजना के तहत प्राथमिक स्तर पर प्रत्येक छात्र को 450 कैलोरी/12 ग्राम प्रोटीन प्रदान किया जाता है। इसी प्रकार से उच्च प्राथमिक स्तर पर छात्रों को 700 कैलोरी/20 ग्राम प्रोटीन प्रदान किया जाता है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने 5 मार्च 2021 को समिति को यह सूचित किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की परिकल्पना के अनुसार, पूर्व प्राथमिक कक्षा में मध्याह्न भोजन योजना की शुरूआत और मध्याह्न भोजन योजना के तहत नाश्ते के प्रावधान का प्रस्ताव दिया गया है।
11 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को मिल रहा है योजना का लाभ
मार्च 2021 में संसद में पेश संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार, मध्याह्न भोजन योजना के तहत छात्रों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के बारे में समिति के प्रश्न पर विभाग ने बताया था कि देशभर में 11.20 लाख स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना लागू की गई है और 11.8 करोड़ से अधिक छात्र इस योजना के लाभार्थी हैं। कुल 10.74 लाख से अधिक स्कूलों में उनकी रसोई है, जबकि शेष स्कूल 300 गैर सरकारी संगठनों से पका हुआ भोजन प्राप्त करते हैं जिनमें अक्षय पात्र, इस्कॉन आदि शामिल हैं।