औरंगाबाद (लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य, बिहार राज्य किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक कॉमरेड रामचंद्र सिंह के निधन पर रविवार को बारुण में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता जगनारायण सिंह विकल व संचालन भाकपा के अंचल मंत्री रामाशीष पासवान ने किया।
अंचल मंत्री रामाशीष पासवान ने करते हुए काॅ. रामचंद्र सिंह की जीवनी पर प्रकाश डाला। सभा की अध्यक्षता कर रहे जगनारायण सिंह विकल ने पूर्व विधायक रामचंद्र सिंह के बारे में विस्तार पूर्वक अपनी बातों को रखते हुए कहा कि कोरोना इस विकट दौर में हमारे बीच में कई वरिष्ठ नेता त्रिभुवन सिंह, रामनंदन सिंह, काॅमरेड ललित जैसे महत्वपूर्ण साथियों को खोना पड़ा। लेकिन आज भी पार्टी के सामने जो चुनौती है उस चुनौतियों को लेकर संघर्ष जारी रहेगा।
गोह से राजद विधायक भीम सिंह यादव ने कहा कि हम लोगों के बीच एक बड़ी हस्ती नहीं रहे। रामचंद्र दा हम लोगों के गार्जियन स्वरूप हर वक्त मार्गदर्शन करते रहते थे। उनका निधन गरीब व वंचित जमात के लिए बड़ी क्षति है।
औरंगाबाद से कांग्रेस के विधायक आनंद शंकर सिंह ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि जब हम बच्चे थे तो रामचंद्र बाबू मेरे पिताजी से मिलने आया करते थे। उनका हमेशा मोहब्बत प्राप्त था। हर समय सामाजिक कार्यों के लिए हम लोगों के साथ खड़े रहे। उनके निधन से औरंगाबाद ही नहीं पूरा मगध एक बड़ा किसान नेता खो दिया।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य परिषद के सदस्य व ऑल इंडिया तंजीम ए इंसाफ के महासचिव इरफान अहमद फातमी ने अपनी बातों को रखते हुए बताया कि शुरू से लेकर अंतिम दिनों तक हम राम चंद्र बाबू एक साथ एक विचारों के साथ संघर्ष किया। संघर्षों के दरमियान बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करते हुए भी रामचंद्र बाबू को कभी हारते नहीं देखा और ना कभी दुश्मनों के सामने झुकते देखा। राजनीतिक स्तर पर भी बहुत सारी बातों के बावजूद वे पार्टी के सिद्धांतों के साथ खड़े रहे। उन्होंने आखिरकार पार्टी के साथ ही अपने आप को समर्पित कर दिया। एक दीप बुझ गया, दूसरा खड़ा हुआ, दूसरे के अंग पर है तीसरा अड़ा हुआ, मंजिलों की चाहतों में हर कदम बढ़ाओ। यह रामचंद्र बाबू का सिद्धांत और वसूल था। इसी तरह से अब हर वक्त अपने साथियों को प्रेरित करते थे।
वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता व भाकपा के पूर्व जिला मंत्री रामचंद्र यादव ने बताया कि रामचंद्र बाबू के साथ मिलकर हमें काम करने का मौका मिला। मजबूती के साथ जिला के अंदर मजदूरों की लड़ाई को लड़ने का मौका मिला। एक बहादूर सिपाही की तरह हर वक्त वह मजदूरों के पक्ष में खड़े रहते थे। मेहनतकश आवाम के लिए हर वक्त संघर्ष करते रहते थे।
रोहतास भाकपा के जिला मंत्री ब्रिज मोहन सिंह ने कहा कि जब से हम जिला से राज्य नेतृत्व में गए तब से राम चंद्र बाबू की योग्यता और क्षमता को मैं बहुत करीब से समझने की कोशिश किया। वह हमारे जिला के प्रभारी एवं राज नेतृत्व में शामिल थे। सीपीआई के गोह से पूर्व उम्मीदवार सुरेश यादव ने रामचंद्र बाबू को अपना मार्गदर्शक अभिभावक बताया। उनके अधूरे काम को पूरा करने का संकल्प दोहराया। मौके पर भाकपा के जिले के विभिन्न अंचल के अंचल मंत्री, विभिन्न पार्टियों के नेता, आम ग्रामवासी बड़ी तादाद मौदूज थे। सभी नेताओं व उपस्थित लोगों ने रामचंद्र बाबू के मूर्ति पर पुष्पमाला डाल कर उनको याद किया व उनके संघर्षों को बढ़ाने का संकल्प लिया। साथ ही मौके एक मिनट मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना किया। श्रद्धांजलि सभा में उनके दोनों पुत्र एवं भतीजा विजय यादव को तमाम लोगों ने मिलकर सांत्वना दिया। सभी नेताओं ने उनके परिवार के साथ हर वक्त खड़े रहने का भरोसा दिलाया।