औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। राजद नेता श्याम सुंदर ने दाउदनगर उपकारा में बंद उपहारा थाना क्षेत्र के शंकरडीह निवासी विचाराधीन कैदी राजेंद्र सिंह की मौत को संस्थानिक हत्या करार दिया है।
उन्होने प्रेस बयान जारी कर कहा कि कैदी के इलाज में जेल प्रशासन जान-बुझकर लापरवाही की। परिणामतः राजेंद्र सिंह की मौत हो गई। अल्ट्रासाउंड कराने तक का मौका नहीं मिला। कहा कि हम सरकार से पीड़ित परिवार को भरण-पोषण के लिए 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की मांग करते हैं। साथ ही इस मामले को वे राज्य मानवाधिकार आयोग में ले जाएंगे। जरूरत पड़ी तो हाईकोर्ट भी जाएंगे। कहा कि मौत के जिम्मेदार अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिये। गौरतलब है कि हत्या के एक मामले में राजेंद्र सिंह ने जनवरी माह में कोर्ट में सरेंडर किया था। उस वक्त ही उन्होंने अपनी गंभीर बीमारी के इलाज का अनुरोध जेल अधिकारियों से किया था लेकिन उनकी बातों को हर बार जेल अधिकारी अनसूना करते रहे। जब मामला गंभीर हुआ, तब अपना दामन बचाने के लिये जेल प्रशासन ने आनन-फानन में इलाज के लिये बाहर भेजा। उनका अल्ट्रासाउंड भी नहीं हुआ कि चिकित्सकों ने राजेंद्र सिंह को मृत घोषित कर दिया। कहा कि हम जिलाधिकारी को पूरे मामले से अवगत कराएंगे। मामले की जांच का अनुरोध करेंगे। दोषियों के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई होनी चाहिये।
कोरोना के नाम पर जेल अधिकारी बंदियों के साथ जानवर की तरह व्यवहार कर रहे हैं। करीब एक वर्षों से शौचालय की सफाई नहीं हुई है। बंदियों को अखबार तक नहीं मुहैया कराया जा रहा है। जेल मैन्यूअल की बात कौन करे, बंदियों को जीवन मय्यसर करने लायक खाना तक नहीं दिया जाता। जब से कोरोना महामारी फैला है। कोरोनटाइन सेंटर के नाम पर एक वार्ड में सौ, डेढ़ सौ बंदियों को रखा जा रहा है। बंदियों के लिये न तो सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब है और न ही अन्य कोविड प्रोटोकाॅल पालन हो रहा है। करीब साढ़े छह सौ क्षमता वाले दाउदनगर उपकारा में हजार से 12 सौ कम बंदी नहीं रहे। जेल अधिकारियों से भी अनुरोध है कि क्षमता से अधिक बंदियों को लेना बंद किया जाये। आजादी के बाद से जेल सुधार गृह हो गया है। टाॅर्चर सेंटर इसे नहीं बनाया जाये।