बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ फूटा गुस्सा, पीएमसीएच गेट पर रोषपूर्ण प्रदर्शन

पटना (लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली, मरीजों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की घोर उपेक्षा के लिए आज पीएमसीएच मुख्य द्वार पर सीपीआई, एआईएसएफ एवं एआईवाईएफ के कार्यकर्ताओं ने रोषपूर्ण प्रदर्शन किया।

बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति सुधारो या गद्दी छोड़ दो,इंसानों के जीवन से खिलवाड़ बंद करो, सभी मरीजों को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, बेड सभी मरीजों को उपलब्ध कराओ,कोविड मरीजों के हाल जानने के लिए परिजनों से मिलने की व्यवस्था करो, डॉक्टरों व अन्य कोरोना वारियर्स की जीवन व भविष्य की गारंटी सरकार ले, पत्रकारों को फ्रंटलाइन वारियर्स का दर्जा दिया तो अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की तरह 50 लाख का बीमा भी सुनिश्चित करने की मांग की।

साथ हीं जयाप्रभा-मेदान्ता को कोविड हॉस्पिटल के रूप में परिणत कर सरकारी देख-रेख में चलाओ, सभी रिक्त पदों पर डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की पर्याप्त संख्या में नियुक्ति करो, सभी निजी अस्पतालों को अधिग्रहित व कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को सरकारी नौकरी देकर स्वास्थ्य व्यवस्था का राष्ट्रीयकरण करो,देश के बड़े पूंजीपतियों पर 10 फीसदी कोरोना कर लगाओ, एम्बुलेंस सेवा निःशुल्क करो, आरटीपीसीआर की रिपोर्ट 48घंटे में देना सुनिश्चित करो,सभी जिलों में वेंटिलेटर युक्त अस्पताल शुरू करो आदि तख्तियां एवं नारे के साथ आज सीपीआई-एआईएसएफ एवं एआईवाईएफ ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के बाद सभा को संबोधित करते हुए सीपीआई के राज्य कार्यकारिणी सदस्य विश्वजीत कुमार ने कहा कि देश एवं बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था खुद आईसीयू में है। ऑक्सीजन,बेड, वेंटिलेटर के बिना मरीज तड़प रहे हैं। शासन-प्रशासन को इसकी कोई फ़िक्र नहीं। उन्होंने कोविड मरीजों के परिजनों को पीएमसीएच सहित सभी हॉस्पिटल्स में हाल जानने के लिए मिलने देने की मांग करते हुए कहा कि सरकारी कुव्यवस्था की वजह से भी मरीजों की जान जा रही है।

एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार ने कहा कि एक तरफ सरकारी अस्पतालों में बदइंतजामी की वजह से जान जा रही है तो प्राइवेट अस्पतालों में पूरी तरह से लूट मची है। सरकार सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति कर पाने में विफल है। सरकार सभी प्राइवेट हॉस्पिटल्स को अधिग्रहित कर स्वास्थ्य व्यवस्था का पूर्णतः राष्ट्रीयकरण करे। उन्होंने कहा कि एआईएसएफ के विभिन्न जिलों में रविवार को हुए प्रदर्शन के बाद पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुए मात्र टीकाकरण का ऐलान किया है। जबकि सरकार को अन्य फ्रंटलाइन वर्कर की तरह पत्रकारों को भी 50 लाख बीमा की गारंटी करनी चाहिए।

अध्यक्षता करते हुए सीपीआई के नगर संयोजक देवरत्न प्रसाद ने आरटीपीसीआर रिपोर्ट 48 घंटे में देने की मांग करते हुए कहा कि जयाप्रभा-मेदान्ता अस्पताल को कोविड अस्पताल के रूप सरकार परिणत कर अपने देख रेख में ले। सरकारी जमीन पर प्राइवेट अस्पताल सरकार ने किस दिन के लिए बना रखा है।उन्होंने बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के जिम्मेदार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग की है।

मौके पर मौजूद सीपीआई नेता शौकत अली ने 10फीसदी कोरोना कर बड़े पूंजीपतियों पर लगाने की माँग करते हुए कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार स्वास्थ्य का केरल मॉडल लागू कर कोरोना को नियंत्रित करे या तो गद्दी छोड़ दे। मौके पर सीपीआई नेता शम्भू शरण, एआईवाईएफ नेता प्रमोद नंदन, एआईएसएफ के जिला उपाध्यक्ष तौसीक आलम,जयराम सिंह, मो. आफताब, केसरी कुमार, नाजमी हसन, दिलीप सिंह, शकील, सूरज गुप्ता, मो. अरशद, जितेन्द्र कुमार, रवि कुमार ठाकुर, सागर सुमन, अभिमन्यु कुमार सहित दर्जनों लोग शामिल थे।