नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर की वजह से देश के हर हिस्से में रेमडेसिविर की मांग काफी बढ़ गई है। ऐसे में सरकार ने हाल ही में रेमडेसिविर के निर्यात पर जहां रोक लगा दी है वहीं अब देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन के उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने तथा इसकी कीमत कम करने का फैसला किया है।
इस बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि इस संबंध में सभी स्टेकहोल्डर से बात की गई है और इसके उत्पादन में और तेजी लाने के लिए कहा गया है। पहले कोरोना के मामले कम होने के कारण दवा कंपनियों ने रेमडेसिविर का उत्पादन कम कर दिया था, जिसके कारण अभी इसकी कमी हो गई थी।
10 लाख अतिरिक्त खुराक उत्पादन करने की अनुमति
वहीं सरकार ने छह निर्माताओं को हर महीने सात अतिरिक्त केंद्रों पर इसकी दस लाख खुराक उत्पादन करने की अनुमति दी है। इस समय देश में रेमडेसिविर के सात निर्माताओं की कुल संस्थापित मासिक उत्पादन क्षमता 38 लाख 80 हजार खुराक की है। रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता की समीक्षा की। मंत्रालय ने बताया कि हर महीने तीस लाख और खुराक का उत्पादन करने की तैयारियां पूरी हो चुकी है। इससे मासिक उत्पादन क्षमता बढ़कर 78 लाख खुराक हो जाएगी। इससे पहले सरकार ने घरेलू दवा बाजार में इसकी आपूर्ति बढ़ाने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी।
रेमडेसिविर की कीमतों में आएगी कमी
मंत्रालय ने कहा है कि रेमडेसिविर के दवा निर्माताओं ने इसके दाम में कमी लाने के लिए खुद ही पहल की है, जिससे इस सप्ताह के अंत तक इसकी कीमतों में गिरावट आ जाएगी और कोविड महामारी के खिलाफ संघर्ष में मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक इस हफ्ते के आखिर से इस इंजेक्शन की कीमत 3500 रुपए हो जाएगी।
इंजेक्शन की कालाबाजारी में तत्काल कार्रवाई के आदेश
निर्माताओं से कहा गया है कि वे अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों को इंजेक्शन की सप्लाई को प्राथमिकता दे। भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) और राज्य सरकारों के प्रवर्तन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस इंजेक्शन की कालाबाजारी, जमाखोरी और मुनाफाखोरी के मामलों में तत्काल कार्रवाई करे। मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता की लगातार निगरानी कर रहा है।