औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। भ्रष्टाचार प्रतिरोध संघर्ष मोर्चा की बिहार- झारखंड सांगठनिक राज्य कमिटी ने भगत सिंह शहादत दिवस पर एक सर्वे रिपोर्ट जारी की है।
मोर्चा के सचिव आलोक कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि बिहार-झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में सरकार के विकास, कानून का राज, सबका साथ, सबका विश्वास तथा सबको न्याय के दावे और सच्चाई को प्रकाश में लाने हेतु मोर्चा द्वारा गांव-गांव घूमकर एक सर्वे किया गया। सर्वें बिहार के औरंगाबाद, गया, नवादा एवं झारखंड के पलामू, चतरा, गढ़वा जिलों में किया गया। रिपोर्ट के अनुसार विकास योजनाओं में राशि का 50-60 प्रतिशत तक का घोटाला हो रहा है। घोटाले की राशि भ्रष्ट अफसर एवं जनप्रतिनिधियों की जेब में जा रही है तथा उनकी चांदी कट रही है। नल-जल योजना, मध्याहन भोजन योजना, किसान प्रोत्साहन योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना भी कुछ मुठठी भर लोगों को ही लाभान्वित कर रहा है। किसान प्रोत्साहन योजना के तहत मिलने वाली राशि किसी भी घर में परिवार के सभी सदस्यों को मिल रही है तो किसी घर में एक भी सदस्य को नसीब नहीं हो रहा है। कानून के राज का आलम यह है कि गांव में जिसकी लाठी, उसकी भैंस वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। दबंग, पुलिस, गुंडा, सफेदपोश गठजोड़ मजबूत हुआ है तथा जन शिकायत के बावजूद कार्रवाई के बदले जांच के नाम पर लीपापोती का ही खेल चल रहा है।
शराब, बालु का धंधा फल-फूल रहा है तथा पुलिस वाहन चेकिंग के नाम पर पैसा वसूली करने में मशगूल हैं। गरीब एवं पीड़ित व्यक्ति द्वारा थाना में प्राथमिकी हेतु दिए गए आवेदनों को दलालों के इशारे पर गायब कर दिया जा रहा है। दलितों की हत्या मामले में भी पुलिस व दलालों के दबाव में सुलह कराया जा रहा है। गरीबों को वर्षों से सरकार द्वारा दिये गये भूमि बंदोबस्ती के पर्चें को नजरअंदाज करते हुए स्थानीय दबंगों, पुलिस-अफसर गठजोड़ से हड़प्पा जा रहा है। दबंगों के भय से भयभीत होकर मदनपुर प्रखंड के देवजरा गांव से वर्ष 2000 में सैकड़ों दलित व दर्जनों स्वर्ण समुदाय के लोग पलायन कर चुके हैं लेकिन तथाकथित सुशासन बाबू की सरकार आज तक इसकी सुधी नहीं ले सकी है। जो लोग सरकार, व्यवस्था और लूट के खिलाफ है, उन्हे जेहादी, टुकड़े-टुकड़े गैंग, एंटी नेशनल, आतंकवादी, उग्रवादी का आरोप लगाकर आवाज को दबाने, फर्जी मुकदमा कर जेल भेजने तथा भयभीत करने का कार्य किया जा रहा है। कहा कि देश सिर्फ आईएस, आइपीएस, मंत्री, विधायक और मुख्यमंत्री से नहीं बनता है बल्कि देश रिक्शा चलाने वालों, हाड़ तोड़ मेहनत मजदूरी करने वालों, किसानों, समाजिक कार्यकर्ताओ से भी बनता है। जब सता निरंकुश होकर इनलोगो के साथ भेदभाव व दमन की नीति अपनाएगी तो भ्रष्टाचार प्रतिरोध संघर्ष मोर्चा भी चुप नहीं बैठेगा। इसके लिए चाहे जितनी भी कुर्बानी व शहादत क्यों न देनी पड़े। जालिम सरकार, व्यवस्था और इनके ठेकेदारों, चाटुकारों को उखाड़ फेंकने तक संघर्ष निरंतर जारी रहेगा।