भुनेश्वर। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद रविवार को एनआईटी राउरकेला के 18वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के बतौर शामिल हुए। उन्होंने दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित भी किया। बताना चाहेंगे कि राष्ट्रपति कोविंद एक दिन पहले शनिवार को अपने ओडिशा दौरे पर पहुंचे हैं। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे।
ओडिशा सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से समृद्ध
ओडिशा सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से समृद्ध है। भारत की स्वतंत्रता में ओडिशा की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। यह शुरुआती समय से ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण का पालना रहा है। लगभग 800 साल पहले निर्मित कोणार्क का सूर्य मंदिर कला और विज्ञान के आदर्श मिश्रण का एक उदाहरण है।
ओडिशा स्वतंत्रता के बाद हमारे राष्ट्र के पुनर्निर्माण से जुड़ा
ओडिशा स्वतंत्रता के बाद हमारे राष्ट्र के पुनर्निर्माण से जुड़ा है। राउरकेला में भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत को एक बड़ा स्टील प्लांट समर्पित किया। पूर्वी भारत में सरकार के दूसरे सबसे बड़े प्रौद्योगिकी संस्थान के रूप में, एनआईटी राउरकेला ने इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। छह दशकों से यह इंजीनियरिंग कॉलेज देश में तकनीकी पेशेवरों के पूल को समृद्ध कर रहा है।
एनआईटी राउरकेला में देश के 33 राज्यों के छात्र
राष्ट्रपति ने कहा, मुझे यह जानकर प्रसन्नता है कि एनआईटी राउरकेला में देश के 33 राज्यों के छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। मुझे बताया गया है कि 17 विभिन्न देशों के छात्रों को विभिन्न शैक्षणिक विषयों में भी नामांकित किया गया है। मैं आपको सलाह देता हूं कि केवल भौतिक लाभ के संदर्भ में अपनी सफलता का आकलन न करें। आपको सफलता और सामाजिक दबावों की पारंपरिक धारणाओं के दबाव में खुद को सीमित नहीं करना है। आपको यह पता लगाने की आवश्यकता है कि आप वास्तव में अपने जीवन में क्या करना चाहते हैं।
छात्रों की भूमिका समाज और देश के प्रति खास
स्नातक, छात्रों के जीवन में एक महत्वपूर्ण चरण है। आप सभी छात्रों की भूमिका समाज और देश के प्रति खास होगी। आपको समझना होगा कि आपके लिए क्या बेहतर है। बिना किसी दबाव के आपको अपना निर्णय लेना होगा। वह करें जो आपको संतुष्टि और सार्थकता प्रदान करे। वह करें जो आपको आपकी आकांक्षाओं के करीब ले जाए। वही करें जो आपके परिवारों को आप पर गर्व कराता हो। अपने लिए एक फलदायी और उत्पादक मार्ग की योजना बनाएं। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा मैं “कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी” के अनुरूप “विश्वविद्यालयों की सामाजिक जिम्मेदारी” की वकालत कर रहा हूं। मुझे यह जानकर खुशी है कि एनआईटी राउरकेला ने ‘उन्नत भारत अभियान’ के हिस्से के रूप में 5 गांवों को गोद लिया है।
नई शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत को ज्ञान का केंद्र बनाना
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक उद्देश्य 21 वीं सदी में भारत को ग्लोबल नॉलेज सुपरपावर बनाना है। एनआईटी राउरकेला जैसी संस्थाओं को इन राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभानी होगी। वहीं उन्होंने मेडिकल साइंस, मानविकी आदि क्षेत्रों में देश की महिलाओं के शानदार प्रदर्शन की तारीफ भी की। साथ ही कहा कि देश की महिलाओं को तकनीकी शिक्षा में मजबूत किए जाने की जरूरत है।