बारुण(औरंगाबाद)(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बारुण के सिरिस स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में किसान मेला सह प्रदर्शनी का का आयोजन किया गया। मेला का उद्घाटन औरंगाबाद के उप विकास आयुक्त अंशुल कुमार ने किया।
इस दौरान डीडीसी ने कृषि विज्ञान केन्द्र के फसल संग्रहालय में लगे हुए गेंहू की विभिन्न प्रजातियों का अवलोकन किया गया तथा सभी के विशेष गुण के बारे मे जानकारी ली। केंद्र में स्थापित मौसम यूनिट, वर्मी कम्पोस्ट, औषधीय एवं सुगंधित पौध वाटिका, प्रशासनिक भवन तथा जलवायु अनुकूल खेती कार्यक्रम के तहत हैप्पी सीडर से बोई गई गेंहू की फसल का निरीक्षण किया एवं प्रशंसा की। कृषि विज्ञान केन्द्र, मे चल रही गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि इस परिसर में विभिन्न प्रत्यक्षण यूनिट की स्थापना जैसे-पॉलीहाउस, ग्रीनहाउस, नडेप पीट तथा फलदार वृक्ष के लिए नर्सरी तैयार किया जाएगा। इसके अलावा डीडीसी नेयोटेक किसान हब परियोजना के तहत बकरी एवं आर्या परियोजना के तहत कड़कनाथ चूजा का भी वितरण किया। साथ ही यह निर्देश दिया कि हर तीन माह में इस तरह के किसान मेला का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र में किया जाय। केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. नित्यानन्द ने किसान मेला मे आए हुए मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि के साथ किसान एवं महिला किसानों का स्वागत किया। कृषि विज्ञान केन्द्र मे चल रहे विभिन्न गतिविधियों एवं परियोजनाओ के बारे मे विधिवत जानकारी देते हुए किसानों की आमदनी दुगनी करने हेतु विस्तृत तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद जिले के कृषकों ने अपनी लगन, मेहनत, कर्मठता एवं कृषि विज्ञान केन्द्र से तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर अपनी आमदनी दस गुना तक बढ़ाया है। आप भी उन तकनिकियों को समायोजन अपने कृषि मंे कर अपनी आमदनी को बढ़ा सकते है।
इस अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी अश्विनी कुमार ने जिले में चल रही विभिन्न योजनाओ के बारे मे विधिवत जानकारी दी ताकि किसानों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके। वही आत्मा के परियोजना निदेशक ने किसान मेला के उद्देश्य एवं विभाग के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओ के बारे मे जानकारी दी। वही वरीय वैज्ञानिक व अरवल केवीके प्रधान डॉ. सुरेन्द्र चैरसिया ने मसूर, चना एवं समसामयिक फसलों मे लगने वाले किट, रोग के प्रबंधन एवं नियंत्रण पर विस्तार से किसानों को जानकारी दी। कार्यक्रम में उद्यान विभाग के सहायक निदेशक ने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओ की विस्तार से जानकारी दी जबकि जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक पवन कुमार ने जीविका दीदियों को कृषि विज्ञान केन्द्र में प्रशिक्षण ले कर अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने का सुझाव दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संगीता मेहता ने किया एवं गरमा मौसम में लगाने वाले सब्जियों के बारे मे बताया जबकि धन्यबाद ज्ञापन पंकज कुमार सिन्हा ने कियाएवं गरमा मूंग फसल की आधुनिक खेती की जानकारी दी। वही डॉ. आलोक भारती ने बदलते हुए जलवायु में पशुओ के देखरेख, बकरी पालन, मुर्गीपालन की विस्तृत जानकारी दी। डॉ. अनूप कुमार चैबे ने मौसम पूर्वनुमान एवं कृषि पर जलवायु के पड़ने वाले प्रभावों के बारे मे विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर जिले के विभिन्न गांवों के 1200 से अधिक कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया तथा केंद्र से दिनेश कुमार, कृशलय प्रभाकर, अरविंद कुमार, राकेश कुमार, संजय कुमार सिंह, रूपा कुमारी, आनंद कुमार, रणधीर सिंह, चंदन कुमार, लवकुश ठाकुर, दीपक एवं युगेश्वर यादव आदि उपस्थित रहें।