औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बिहार सरकार ने प्रदूषण मानकों के विपरीत राज्य भर में चलाए जा रहे अवैध ईंट भट्ठों और आरा मशीनों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्देश जारी किया है।
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने शनिवार को यहां प्रेसवार्ता में कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदूषण मानकों का उल्लंघन कर चलाए जा रहे अवैध ईंट भट्ठों को तत्काल प्रभाव से बंद कराने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया हैं और इसके लिए छापेमारी अभियान भी चलाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी औद्योगिक इकाइयों को हर हाल में प्रदूषण नियमों का पालन करना होगा और उन्हें अपने संयंत्रों में प्रदूषण को नियंत्रित करने वाले उपकरण स्थापित करने होंगे। श्री सिंह ने यह भी कहा कि राज्य में नई खुलने वाली औद्योगिक इकाइयों को पर्यावरण तथा प्रदूषण संबंधी अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने में सरकार तत्परता बरतेगी और उन्हें आवेदन के एक सप्ताह के भीतर पर्यावरण का क्लीयरेंस जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण में कमी लाने को लेकर राज्य सरकार गंभीर है तथा इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
घोड़पराश को नील गाय मान रहे लोग, इनके आतंक से निजात के लिए होगी घोड़पराशों की नसबंदी
पर्यावरण एवं वन मंत्री ने कहा कि राज्य में घोड़पराश के आतंक से किसानों को बचाने के लिए सरकार ठोस कदम उठाएगी और इसके लिए स्थाई समाधान ढूंढ निकाला जाएगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इस दिशा में अपेक्षित कदम उठाने के लिए एक कार्य योजना बनाने का भी निर्देश दिया है। श्री सिंह ने कहा कि जिन्हें राज्य में नीलगाय की संज्ञा दी जा रही है, वास्तव में वह नीलगाय नहीं है बल्कि वे घोड़पराश अथवा नीलबकरी हैं। इनकी संख्या कम करने के दृष्टिकोण से घोड़पराशों की नसबंदी भी कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार के विभिन्न जिलों में जो घोड़पराश हैं, वह कहीं से भी नीलगाय की प्रजाति नहीं है।उमगा बनेगा इको टूरिज्म प्लेस-प्रेसवार्ता में उपस्थित सांसद सुशील कुमार सिंह के प्रस्ताव पर पर्यावरण एवं वन मंत्री ने कहा कि औरंगाबाद जिला मुख्यालय में पार्क को और अधिक विकसित किया जाएगा। यहां म्यूजिकल फाउंटेन लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले के ऐतिहासिक धार्मिक और पौराणिक स्थल उमगा में इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा और वहां तालाब के सौंदर्यीकरण के अलावा ट्रैक को विकसित किया जाएगा। उन्होंने उमगा सूर्य मंदिर के निकट सांसद निधि से बनने वाले विवाह मंडप के लिए वन विभाग की ओर से क्लीयरेंस देने का निर्देश वन प्रमंडल पदाधिकारी को दिया।
वन विभाग की जमीन को कराया जाएगा अतिक्रमण मुक्त, होगा वृक्षारोपण
श्री सिंह ने यह भी कहा कि बारूण प्रखंड के शेखपुरा गांव के निकट वन विभाग की 55 एकड़ जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा। इसके अलावा राज्य भर में वन विभाग की विभिन्न जमीनों पर जो अतिक्रमण है, उसे भी मुक्त कराने के लिए विभाग की ओर से अभियान चलाया जाएगा। इसमें वन विभाग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का भी सहयोग लेगा। वन विभाग की जमीन पर पार्क, पौधशाला को विकसित करने के अलावा वृक्षारोपण किया जाएगा ताकि पर्यावरण को अनुकूल बनाया जा सके। वन एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान पूरे प्रदेश में 5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। इसमें जल जीवन हरियाली तथा मनरेगा के तहत लगाए जाने वाले पौधे भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार के बजट में वित्तीय प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि एक वर्ष के दौरान अब तक इतनी अधिक संख्या में पौधे लगाए जाने का यह एक नया कीर्तिमान होगा।
जंगली हाथियों के आतंक से निजात दिलाने हेतु प्रभावी कदम
श्री सिंह ने कहा कि जंगली हाथियों के आतंक से नागरिकों को मुक्ति दिलाने के लिए उनके विभाग की ओर से प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। हाल ही में नवादा जिले में एक पागल हाथी द्वारा 3 लोगों को कुचल कर मारे जाने की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विभाग गंभीरता पूर्वक कार्य कर रहा है। प्रेसवार्ता में सांसद सुशील कुमार सिंह, विधान पार्षद राजन कुमार सिंह एवं वन प्रमंडल पदाधिकारी तेजस जायसवाल भी उपस्थित थे।