औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल के निर्देश पर गठित कृषि विभाग के जांच दल ने जिले टाॅप-20 यूरिया क्रेताओं की जांच की गई।
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इस नबीनगर के दौरान माली के राकेश कुमार सिंह के खुदरा उर्वरक बिक्री प्रतिष्ठान की जांच में पाया गया कि विक्रेता द्वारा पाॅश मशीन में क्रेता के आधार नंबर के स्थान पर अवास्तविक अंको एवं काल्पनिक क्रेता के नाम के स्थान पर अर्थहीन शब्दों को अंकित कर चार बार में 500 बोरी यूरिया की बिक्री की है। जांच दल द्वारा बिक्री केन्द्र में संधारित भंडार पंजी एवं बिक्री पंजी मांगे जाने पर उसे विक्रेता ने नहीं दिखाया। गय। इससे जांच दल ने माना कि यूरिया की बिक्री छद्म क्रेता के नाम पर अनुचित एवं अनियमित ढ़ंग से की गई है। इस पर उर्वरक नियंत्रण आदेश-1985 के नियम प्रावधानों का उल्लंघन कर यूरिया की बिक्री में की गई अनियमितता के आरोप में खुदरा उर्वरक बिक्री प्रतिष्ठान के नाम से निर्गत खुदरा उर्वरक अनुज्ञप्ति को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए 3 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की गई है। वही जांच दल ने नबीनगर के मोहरकर्मा में आदर्श कृषक सेवा सहकारी सहयोग समिति के अलखदेव सिंह के उर्वरक बिक्री प्रतिष्ठान में क्रेता दिनेश कुमार मेहता एवं गुडु कुमार पासवान द्वारा अपना आधार कार्ड का उपयोग कर बटाई की जमीन पर 34 एवं 26 बोरी यूरिया का क्रय किया गया है। इसी तरह हरेन्द्र खाद भंडार नबीनगर के राघवेन्द्र कुमार सिंह के बिक्री प्रतिष्ठान से भी अरूण साव द्वारा 32 बोरी यूरिया का क्रय किया गया है। इस पर वास्तविक तथ्यों एवं साक्ष्यों को प्रस्तुत करने हेतु क्रेताओं एवं विक्रेताओं से 3 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की गई। इसी प्रकार जांच दल द्वारा देव प्रखंड में चिन्हित टाॅप-20 यूरिया के क्रेताओं की सूची में आने वाले व्यक्तियों एवं बिक्री केन्द्रों की जांच की गई। इस दौरान पाया गया कि कोड़ियारी के एसएसएसएस देव के बजेन्द्र कुमार, किसान सेवा केन्द्र के सुनिल कुमार गुप्ता, सरस्वती ट्रेडर्स के संजीव कुमार एवं चैरसिया सीमेंट दुकान के अशोक कुमार सहित कुल 4 उर्वरक बिक्री प्रतिष्ठानों से कुल 45 बोरी यूरिया की खरीद पाई गई। इस पर क्रेता विजय कुमार द्वारा 45 बोरी यूरिया का क्रय किये जाने संबंधी वास्तविक तथ्यों एवं साक्ष्यों को प्रस्तुत करने हेतु क्रेता एवं विक्रेताओं से 3 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की गई। इस बारे में जिला कृषि पदाधिकारी अश्विनी कुमार ने बताया कि इन सभी खुदरा उर्वरक विक्रेताओं एवं यूरिया क्रेताओं से निर्धारित समयावधि में प्राप्त स्पष्टीकरणों की समीक्षोपरान्त उर्वरक नियंत्रण आदेश-1985 के नियम प्रावधानों का उल्लंघन पाये जाने की स्थिति में उर्वरक बिक्री लाईसेंस को रद्द करते हुए विक्रेताओं एवं क्रेताओं के विरूद्ध नियमानुसार अपेक्षित कार्रवाई की जायेगी।