औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद में भाजपा किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन को विपक्ष की साजिश करार दिया है।
https://liveindianews18.in/livestock-should-be-wary-of-rumors-in-animal-tagging-work-dvo/
मोर्चा के नेताओं पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार सिंह, किसान मोर्चा के क्षेत्रीय प्रभारी बृजेंद्र कुमार सिंह, मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य विनोद शर्मा, सुनील कुमार सिंह, किसान वशिष्ठमुनि पांडेय एवं वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। कहा कि कुछ लोग कृषि कानूनों को लेकर किसानों के साथ राजनीति कर रहे हैं। पीएम मोदी ने किसानों को संदेश दिया है कि नया कृषि कानून उनके पक्ष में हैं। कई सालों से कृषि सुधारों की मांग हो रही थी किंतु आज लोग विपक्ष में बैठकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है। उन्हें डराया जा रहा है कि नए कृषि सुधारों के बाद किसानों की जमीन पर दूसरे कब्जा कर लेंगे। कहा कि कोई डेयरी वाला आपसे दूध लेने का कॉन्ट्रेक्ट करता है तो वो आपके पशु ले जाता है क्या? देश पूछ रहा है कि अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे किसानों को फसल बेचने की आजादी क्यों नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि सुधारों की मांग सालों से की जा रही थी। अनेक किसान संगठन भी पहले से मांग करते थे कि अनाज को कहीं भी बेचने का विकल्प दिया जाए। आज जो लोग विपक्ष में बैठकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं, वो भी अपने समय में इन सुधारों का समर्थन करते रहे हैं।
कई प्रदेश के किसान नेताओं एवं किसान संगठनों ने भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को समर्थित पत्र देकर किसान बिल का समर्थन दिया है। उनका कहना है कि यह बिल किसानों के हित में है। विपक्ष के लोग दिग्भ्रमित कर रहे हैं। सही मायने में किसान सड़कों पर नहीं बल्कि अपने खेतों में हैं। वो किसानों को बस झूठे दिलासे देते रहे। जब देश ने यह कदम उठा लिया तो वो अब किसानों को भ्रमित कर रहे है। उन्होंने अन्नदाताओं से अपील करते हुए कहा कि किसान भाई-बहनों से फिर कह रहा हूं कि उनकी हर शंका के समाधान के लिए सरकार 24 घंटे तैयार है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि किसानों का हित पहले दिन से हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है। विपक्ष ने कुछ लोगों को भड़का कर सड़कों पर बैठा दिया और विपक्ष के बड़े-बड़े नेता खुद गायब हैं। किसान आंदोलन के नाम पर समर्थित कार्यकर्ताओं को सड़कों पर बैठाकर राहुल गांधी इटली चले गए। वही बिहार के बड़े नेता जो विपक्ष में है, वह भी अलग-थलग दिख रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि यह कृषि बिल किसानों के लिए हितकारी है और अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के लिए कांग्रेस एवं उसके समर्थित पार्टियों ने सरकार के खिलाफ साजिश की मुहिम चलायी है।