औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के पूर्व सांसद स्व. रामनरेश सिंह उर्फ लूटन बाबू को शनिवार को 22वीं पुण्यतिथि पर पूरी श्रद्धा के साथ याद किया गया।
इस मौके पर स्व. लूटन बाबू के सुपुत्र और सांसद सुशील कुमार सिंह के आवास पर पुण्यतिथि समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में शहर के गणमान्य नागरिकों, सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं, लूटन बाबू के परिवार के सदस्यों एवं अन्य लोगों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण-पुष्पार्पण कर उनके प्रति गहरी श्रद्धा व्यक्त की। इस मौके पर वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व-कृतित्व और कार्यों की विस्तार से चर्चा करते हुए उनके कार्याें को समाज के लिए अनुकरणीय बताया।
कार्यक्रम में स्व. लूटन बाबू के सुपुत्र और सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि आज मैं जो कुछ भी हूं, वह सब मेरे पूज्य पिता के कर्तव्यों का प्रतिफल है। कार्य करने की जो मेरी शैली है, वह पिता की देन है। मैं उन्ही के बताये रास्ते पर चल कर उनकी इच्छा के अनुरुप उनके कार्यों को जनता तक पहुंचा रहा हूं। 22वीं पुण्यतिथि पर उन्हे ससम्मान स्मरण करते हुए अपनी पूरी क्षमता के साथ उनके कार्यों को जन-जन तक पहुचाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम में लूटन बाबू के प्रथम सुपुत्र व भाजपा नेता सुनील सिंह, सांसद प्रतिनिधि अश्विनी सिंह, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष कृष्ण बल्लभ सिंह उर्फ बबुआ जी, रवींद्र सिंह, अशोक सिंह, नीलमणि कुमार, मंटू शर्मा, विजय प्रसाद निराला समेत सैकड़ो लोग मौजूद रहे।
गौरतलब है कि स्व. राम नरेश सिंह उर्फ लूटन बाबू का जन्म भोजपुर जिले के बड़कागांव में हुआ था। गांव से ही मैट्रिक तक पढाई पूरी कर के बाद वे अपनी फुआ के घर औरंगाबाद चले आए। इसके बाद यहीं रहकर पढ़ाई करने के साथ साथ वें राजनीति में भी रूचि लेने लगे। रामनरेश सिंह पहली बार वर्ष 1989 में जनता दल से लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बने। फिर पुनः 1991 में जनता दल से ही चुनाव जीतकर सांसद बने। इसके बाद समय बीतता गया। रामनरेश सिंह की तबीयत खराब रहने लगी और 1998 में उनका देहांत हो गया। उनके निधन के बाद पिता से अपने राजनीतिक जीवन की सीख लेकर मिली विरासत को बखूबी संभालने का काम उनके सुपुत्र सुशील सिंह ने किया। सुशील सिंह ने वर्ष 1998 में समता पार्टी से औरंगाबाद सीट से लोकसभा का चुनाव लड़कर जीत हासिल किया। पुनः 2009 में जनता दल यूनाइटेड से लोकसभा का चुनाव जीते। इसके बाद 2014 में भाजपा से लोकसभा का चुनाव जीत कर सांसद बने। भाजपा के ही टिकट पर पुनः 2019 में सुशील सिंह सांसद बने और वें अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालते हुए उनके कार्यों को आगे बढ़ा रहे है।