औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद समाहरणालय सभाकक्ष में जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी सह समिति के अध्यक्ष सौरभ जोरवाल ने की।
बैठक में जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए उनका परिचय प्राप्त किया। जिलाधिकारी की अनुमति से जिला कृषि पदाधिकारी ने बैठक की कार्यवाही प्रारम्भ की। बैठक में 2 सितम्बर 2020 संपन्न गत बैठक की कार्यवाही की संपुष्टि कर पूर्व में लिये गये निर्णयों से संबंधित अनुपालन पर विमर्शोपरान्त समिति द्वारा अपनी सहमति दी गई। रब्बी मौसम 2020 में फसलवार अच्छादन के अनुरूप प्रखंडवार एवं माहवार विभिन्न उर्वरकों यथा यूरिया, डीएपी, सिंगल सुपर फास्फेट, म्यूरेट ऑफ पोटाश, मिश्रित उर्वरक(एनपीके-एपीएस) आदि की आवश्यकता के अनुरूप जिले में इन उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण व्यवस्था पर समिति द्वारा व्यापक विचार विमर्श किया गया। वर्तमान समय में रब्बी फसलों हेतु उर्वरकों विशेषकर यूरिया प्रचुर मात्रा में सभी प्रखंडों में उपलब्ध रहने पर समिति द्वारा संतोष व्यक्त किया गया। समिति द्वारा समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि जिले में कृत्रिम रूप से उर्वरकों का अभाव दिखाकर उर्वरकों की कलाबजारी-जमाखोरी आदि की सूचनाएं किसी स्तर से प्राप्त नहीं हो रही है।
जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा समिति के सदस्यों को यह जानकारी दी गई कि जिले में खुदरा उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर उर्वरकों की बिक्री हेतु लगाई गई 541 पाॅस मशीन के विरूद्ध अबतक 302 पाॅस मशीन को 3.1 वर्जन से अद्यतन कर दिया गया है, जो किसानों द्वारा उर्वरकों का क्रय करने पर उनके मोबाईल पर एसएमएस के माध्यम से उर्वरक की मात्रा एवं बिक्री मूल्य का संदेश प्रेषित करता है, जिसके कारण खुदरा उर्वरक विक्रेताओं द्वारा उर्वरकों की बिक्री की रसीद किसानों को नहीं देने एवं किसानों को उर्वरकों के निर्धारित बिक्री मूल्य से अधिक दर पर उर्वरकों की बिक्री किये जाने की शिकायतों का स्वतः समाधान हो सकेगा। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा यह भी बताया गया कि पाॅस मशीन को 3.1 वर्जन से अद्यतन करने के साथ ही सभी उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर कृषकों को क्यूआर कोड के माध्यम से डिजिटल पेमेंट की सुविधा प्रदान करने हेतु डिजिटल पेमेंट के किसी भी माध्यम को स्थापित करने हेतु विभाग के स्तर से दिनांक 17 दिसम्बर 2020 तक अन्तिम तिथि निर्धारित की गई थी, जिससे किसान डिजिटल आॅनलाइन पेमेंट कर सके। विभागीय निदेशानुसार पाॅस मशीन को 3.1 वर्जन से अद्यतन नहीं करने एवं खुदरा उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर कृषकों को क्यूआर कोड के माध्यम से डिजिटल पेमेंट की सुविधा प्रदान नहीं करने की स्थिति में थोक उर्वरक विक्रेताओं द्वारा ऐसे खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को किसी भी प्रकार के उर्वरकों की आपूर्ति नहीं करने का निर्देश दिया गया है तथा उर्वरक, बीज एवं कीटनाशी दवा की बिक्री करने हेतु ऑनलाईन अनुज्ञप्ति निर्गत करने का कार्य प्रारम्भ किया गया है। इस पर समिति के सदस्यों द्वारा संतोष व्यक्त करते हुए इसे सरकार की एक अच्छी पहल बताया गया। बैठक में उपस्थित कुटुम्बा के विधायक राजेश कुमार ने कहा कि अपने घरों में सब्जी का उपयोग करने के बाद उसका छिल्का, अवशेष भाग, डंठल आदि को किसी बर्तन, गड्ढे में एकत्र कर रखने एवं उसपर मिट्टी की परत देकर सड़ा कर खेतों में इसे जैविक खाद् के रूप में उपयोग करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होने से फसलों का उत्पादन अच्छा होगा। उनके द्वारा यह सलाह दी गई कि किसान चैपाल/मेला आदि के माध्यम से जिले के किसानों को इसकी जानकारी दी जाय। जिलाधिकारी द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि प्रखंड कृषि पदाधिकारियों के माध्यम से नियमित रुप से प्रखंडों में स्थित उर्वरक बिक्री केन्द्रों की पाॅस मशीन एवं भंडार का सत्यापन औचक निरीक्षण कर बिक्री मूल्य पर नियंत्रण रखना सुनिश्चित करेंगे। इस हेतु जिला स्तर से भी टीम का गठन किया जायेगा, जिससे जिले में उचित मूल्य पर किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराया जा सके। साथ ही थोक उर्वरक विक्रेताओं एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि खुदरा उर्वरक बिक्री केन्द्रों की शत प्रतिशत पाॅस मशीनों को 3.1 वर्जन से अद्यतन कर सभी उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर डिजिटल पेमेंट की सुविधा किसानों को उपलब्ध कराई जाय।