औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। पूर्व केंद्रीय मंत्री, कुशवाहा क्षत्रप और शोषित इंकलाब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागमणि ने बिहार की नीतीश सरकार पर बड़ा हमला बोला है।
नीतीश सरकार ने कोईरी समाज का किया अपमान, काटा गला–
आगामी 23 फरवरी 2025 को आयोजित होने वाले कोईरी आक्रोश महारैली की तैयारी को लेकर औरंगाबाद आए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने रविवार को यहां प्रेसवार्ता में कहा कि नीतीश सरकार ने कोईरी समाज को जलील और अपमानित करने करने के साथ ही समाज का गला काटने का काम किया है। इस वजह से नीतीश कुमार के सत्ता में रहते हुए कोईरी समाज का भला नही होने वाला है। नीतीश कुमार का लव-कुश की बात करना पूरी तरह ढ़कोसला है क्योकि वे सिर्फ अपने समज का भला करने का काम कर रहे है और कोईरी जाति की लगातार उपेक्षा हो रही है तथा कोईरी समाज को किसी भी क्षेत्र में अपेक्षित भागीदारी नही मिल रही है।
कोईरी समाज को हाशिए पर धकेलने के लिए जातीय सर्वे में कम दिखाई आबादी–
इतना ही नही कोईरी समाज को हाशिए पर धकेलने के लिए नीतीश सरकार ने हमारी जाति की आबादी को भी कम दिखाने का काम किया है। उन्होने कहा कि बिहार में कोईरी समाज की 12 प्रतिशत और समाज की उप जाति दांगी की आबादी 2.5 प्रतिशत है। यानी बिहार में हमारी कुल आबादी 14.5 प्रतिशत है। इसके बावजूद नीतीश सरकार ने जान बूझकर कोईरी समाज को नीचा दिखाने का पूरा प्रयास किया है। इसी प्रयास के तहत बिहार सरकार ने जातीय सर्वेक्षण को धरातल पर नही कराते हुए कुछ खास पदाधिकारियों की मिलीभगत से खानापूर्ति कर कोईरी जाति की जनसंख्या को 12 से घटाकर 4.5 प्रतिशत और दांगी की आबादी को 2.5 से घटाकर मात्र आधा प्रतिशत दिखाने का काम किया है।
भूमिहार, राजपूत व ब्राह्मण समाज के साथ भी नाइंसाफी–
इतना ही नही राज्य सरकार ने भूमिहार, राजपूत और ब्राह्मण समाज को भी अपमानित करते हुए इनकी संख्या को 5.5 से घटाकर महज 2 से 3 प्रतिशत के बीच सीमित कर दिया।
मुस्लिम समाज की कलाल जाति को हिंदू बताया, कागजों पर हुआ जातीय सर्वेक्षण–
उन्होंने कहा कि कलाल मुस्लिम समाज की जाति है, जिसे जातीय सर्वेक्षण में हिंदू बताया गया है, जिससे साबित होता है कि बिहार के गांवों में सर्वेक्षण हुआ ही नही और सिर्फ कागज पर ही इसकी खानापूर्ति कर दी गई। उन्होने स्वीकार किया कि जातीय सर्वेक्षण में यादव समाज की आबादी को 14 प्रतिशत बताया गया है, जिसे वह सही मानते है लेकिन कोईरी समाज की आबादी यादव समाज से 3-4 प्रतिशत ही कम है।
नाइंसाफी बर्दाश्त नही करेगा कोईरी समाज, नीतीश को हटाना जरूरी–
इस लिहाज से कोईरी समाज की आबादी कम से कम 10 प्रतिशत होनी ही चाहिए, जिसे सर्वेक्षण में इतनी संख्या में नही दिखाया जाना हमारे समाज के साथ पूरी तरह नाइंसाफी है, जिसे किसी सूरत में बर्दाश्त नही किया जाएगा। इस कारण नीतीश सरकार को हटाना जरूरी हो गया हैं और सरकार को हटाने के लिए ही उन्होने नीतीश हटाओ देश बचाओं का नारा दिया है।
कोईरी आक्रोश रैली में दिखेगा नीतीश सरकार के प्रति आक्रोश–
कहा कि यह नारा सिर्फ नारा नही रहेगा बल्कि धरातल पर उतरेगा और कोईरी समाज को नीचा दिखाए जाने से समाज में उत्पन्न जबरदस्त आक्रोश की झलक आगामी 23 फरवरी 2025 को प्रदेश की राजधानी पटना के गांधी मैंदान में आयोजित होने वाली कोईरी आक्रोश महारैली में दिखेगी। उन्होने कहा कि कोईरी समाज के साथ हुई नाइंसाफी को लेकर ही यह महारैली आयोजित की गई है। इस रैली के माध्यम से कोईरी समाज अपने अपमान का बदला लेना चाहता है और इसी उदेश्य से कोईरी समाज को एकजुट करने के लिए वे पूरे बिहार की यात्रा कर रहे है। इसी कड़ी में वें समाज को एकजुट करने औरंगाबाद आए है।