जनसुराज के तत्वावधान में विश्व प्रसिद्ध सौर तीर्थ स्थल देव में हुई    “सामाजिक समरसता-सद्भावना और बिहार के नव निर्माण में आम लोगों की भूमिका” विषयक परिचर्चा

देव(औरंगाबाद)(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। विश्व प्रसिद्ध सौर तीर्थ स्थल देव के “बगीचा रिसॉर्ट” में मंगलवार को देर शाम जन सुराज विचार मंच के तत्वावधान में
“सामाजिक समरसता-सद्भावना और बिहार के नव निर्माण में आम लोगों की भूमिका” विषयक एक परिचर्चा आयाजित की गई।  

      

परिचर्चा में इन लोगों ने रखे विचार

कार्यक्रम की अध्यक्षता चिकित्सक डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने की। परिचर्चा में विनोद चौधरी, रामधारी सिंह, दीपक गुप्ता, अभिश्वर सिंह, भवानीपुर के सरपंच प्रतिनिधि प्रमोद ठाकुर, उपेंद्र यादव, प्रमोद कुमार, कमला देवी, महिला नेत्री मृदुला राय, जितेंद्र यादव, बलिराम सिंह एवं नंदलाल कुमार आदि ने विचार रखे।

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जनसुराज की टीम के इमरान ने कराया विषय प्रवेश

कार्यक्रम में जन सुराज टीम के इमरान ने जन सुराज की अवधारणा की चर्चा करते हुए विषय प्रवेश कराया। कहा कि बिहार की दशा और दिशा बदलने के लिए एक नए विकल्प की जरूरत है और राज्य की जनता के लिए जन सुराज एक विकल्प है। जन सुराज सही सोंच और राज्य को सही दिशा देने में सक्षम लोगों की टीम है। जन सुराज से लगातार लोग भारी तायदाद में जुड़ रहे है। राज्य की जनता जन सुराज के प्रति उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। हम जनता के सहयोग से उनकी उम्मीदों पर खरा उतर कर दिखाएंगे। परिचर्चा में विषय पर विचार रखते हुए वक्ताओं ने कहा कि बिहार सामाजिक समरसता और सद्भाव की धरती रही है और रहेगी। मुट्ठी भर लोग भले ही समरसता और सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश करते है लेकिन ऐसे लोग बेनकाब हो जाते है और उन्हे मुंह की खानी पड़ती है।      

 

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आजादी के 78वें साल में भी बिहार की गिनती पिछड़े और बीमारू राज्य में होने के लिए राजनीतिक नेतत्व व सत्ता में बैठे लोग दोषी

वक्ताओं ने बिहार की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि आजादी के 78वें साल में भी आज यदि बिहार की गिनती पिछड़े और बीमारू राज्य में होती है तो इसके लिए यहां का राजनीतिक नेतत्व और सत्ता में बैठे लोग दोषी है। बिहार की शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। उद्योग बंद है। नए उद्योग नही खुल रहे। शिक्षा और रोजगार के लिए लोगों का पलायन जारी है। किसान समस्याओं के झंझावात में फंसे है। सरकारों की दृढ़ ईच्छा शक्ति के अभाव में किसानों के लिए वरदान बन सकने वाली उतर कोयल नहर जैसी अत्यंत महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना पिछ्ले 50 साल से अधर में लटकी है। किसान समस्याओं से जूझ रहे है। इन सबके लिए सरकारे दोषी है। इन समस्याओं के निदान से ही बिहार का सही मायने में नव निर्माण हो सकेगा। इसके लिए आम लोगों को आगे आकर अग्रणी भूमिका निभानी होगी। जब भी चुनाव आते हैं तो नेता हमारे पास आते है। हमसे समस्याओं को दूर करने का वादा करते है लेकिन वादे पूरे नही होते हम ठगे जाते है क्योकि हम जाति के नाम पर वोट देने लगते है। जाति के नाम पर वोट लेकर ये जाति और समाज का भला करने के बजाय अपना और अपने परिवार का भला करने में लग जाते है। ऐसे ठगने वाले नेताओं को सबक सिखाने की जरूरत है। चुनाव के वक्त जब हम जाति नही देखकर अपने बाल-बच्चों की अच्छी शिक्षा की व्यवस्था और इलाके की जन समस्याओं को देखकर इन्हे पूरा करने में सक्षम लोगों को चुन कर वोट देंगे तभी राज्य का कायाकल्प हो सकता है। यही पर हमारी भूमिका है और इस भूमिका को सही तरीके से निभाना हम सिख गए तो, उस दिन से हमारी सभी समस्याएं दूर होने लगेगी। 

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रंग लाएगा जन सुराज का प्रयास : डॉ. राजेंद्र

वही अध्यक्षीय भाषण में डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि बिहार में जन सुराज के बदलाव लाने की भावना की वें कद्र करते है। प्रशांत किशोर बिहार की बेहतरी के लिए प्रयासरत है। उन्हे पूरी उम्मीद है कि उनका प्रयास रंग लाएगा और बिहार को एक नया विकल्प मिलेगा। इसके लिए वें प्रशांत किशोर की पूरी टीम को शुभकामनाएं देते है। साथ ही इस बात के लिए भी धन्यवाद देते है कि राज्य भर में जन सुराज की टीम जनता के बीच राज्य की समस्याओं को लेकर स्वस्थ परिचर्चा आयोजित कर रही है। देव में भी परिचर्चा आयोजित करने के लिए वें जन सुराज की टीम के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करते है। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन रमाकांत सिंह ने किया।