कर्ज लेते वक्त था साला, देने की बारी आई तो हो गया भाई, फिर हुई दोनो के बीच लड़ाई, जंग का मैदान बना औरंगाबाद सदर अस्पताल

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। रूपयें पैसे के लेनदेन में रिश्ते नाते मायने नही रखते। यदि लेने वाले ने देने वाले को रुपये समय पर वापस नही किए तो जंग तक हो जाती है। ऐसी ही जंग का गवाह सोमवार की दोपहर औरंगाबाद सदर अस्पताल बना जहां बकाये को लेकर दो रिश्तेदारों में जंग हो गई।            

कर्ज लेने व देने वाले के बीच रिश्तें अजीब, पहले साला-बहनोई, अब ममेरे-फुफेरे भाई

दोनों के बीच रिश्तें भी अजीब है। लेते वक्त कर्ज लेने वाला देनेवाले का साला था। जब साले का रिश्ता रहा तब तक कर्ज वापसी की मांग नही हुई लेकिन जैसे ही रिश्तें में बदलाव आया और कर्ज लेने वाला भाई बन गया, वैसे ही पैसे को वापस करने की मांग होने के बाद दोनों के बीच जंग हो गई। बदले हुए रिश्तें में ममेरे-फुफेरे भाई(कर्ज लेते वक्त साला-बहनोई में हुई जंग के मैदान बने सदर अस्पताल में मौजूद लोगों ने तमाशा देखा। हालांकि लोगों के बीच बचाव से दोनो के बीच जंग खत्म हुई तो कर्जदार युवक भीड़ का फायदा उठाकर फरार हो गया।


एहसान ने चांद को दिया था 92 हजार का कर्ज

जंग शुरू करने वाला यानी कर्जा देने वाला युवक मो. एहसान औरंगाबाद के नावाडीह मुहल्ले का निवासी है। वह औरंगाबाद शहर में ही इलेक्ट्रिक टेम्पो  करता है। बताया कि उसने मदनपुर थाना के खिरियावां गांव के निवासी मो. चांद को 2019 में दो बार में 92 हजार रुपयें का कर्ज दिया था। चांद उस वक्त एहसान का साला लगता था। दोनों पहले से रिश्ते में ममेरे-फुफेरे भाई रहे है।


कर्ज देने के बाद कमाने के लिए सउदी अरब चला गया था एहसान, बीच में एहसान की बहन यानी बीवी ने रिश्ता तोड़ कर ली दूसरी शादी

एहसान ने बताया कि कर्ज देने के बाद वह काम करने सउदी अरब चला गया था। इस बीच चांद की बहन यानी उसकी पत्नी ने उससे रिश्ता तोड़ लिया और दूसरी शादी कर ली। तीन साल बाद सउदी अरब से कमाकर 2022 में वह घर लौट आया। इलेक्ट्रिक ऑटो खरीद लिया। उसी से कमाई कर अपना गुजारा करने लगा। सउदी अरब से वापस आने के बाद से वह चांद से लगातार अपना बकाया रकम मांगता रहा। तगादा करने पर हर बार वह आज देंगे, कल देंगे करता रहा।

सदर अस्पताल में चांद को देखते ही एहसान ने मांगा बकाया रकम, फिर शुरू हुई दोनों के बीच जंग

इसी बीच आज वह एक सवारी को ऑटो से छोड़ने सदर अस्पताल गया, जहां उसे चांद दिख गया। चांद को देखते ही उसने उससे बकाये पैसे की मांग कर दी। मांग करते ही वह आनाकानी करते हुए पैसे देने से इंकार कर गया। इसे लेकर ही उससे बहस हो गई और गुस्सें में यह झगड़ा हो गया। वह लड़ना नही चाहता था पर होनी को झगड़ा होना ही मंजूर था। लोगो के बीच बचाव से वह हाथ से निकल गया, नही तो वह आज उससे अपना हिसाब किताब साफ ही कर लेता। यह सब बताने के बाद एहसान मौके से रफ्फू चक्कर हो गया