बौद्ध विरासतों को अवैध कब्जें से मुक्त कराने के देशव्यापी आंदोलन के तहत B.I.N ने औरंगाबाद में किया NH जाम


औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बौद्ध विरासतों को अवैध कब्जें से मुक्त कराने की मांग को लेकर बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क के भारत बंद के आह्वान पर शनिवार को नेटवर्क के कार्यकर्ता औरंगाबाद में सड़क पर उतरे।

कार्यकर्ताओं ने नेटवर्क के औरंगाबाद जिला संयोजक सुमन सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 जीटी रोड को कामा बिगहा के पास जाम किया। घंटेभर के जाम के दौरान एनएच-19 के दोनो ओर बस, ट्रक और प्राईवेट वाहनों की करीब दो किमी. लंबी कतारे लग गई। जाम में फंसे लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि जाम की सूचना मिलते ही औरंगाबाद मुफ्फसिल थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और आंदोलनकारियों को समझा-बुझाकर जाम हटवाया।

इस दौरान सड़क जाम का नेतृत्व कर रहे नेटवर्क के जिला संयोजक ने कहा कि उताह यूनिवर्सिटी की डीएनए जांच रिपोर्ट से यह सिद्ध हो गया हैं कि ब्राहम्ण विदेशी है और देश के प्रमुख बौद्ध विरासतों पर इन्ही का अवैध कब्जा है। बाह्मणों ने बौद्ध विरासतों को हिंदु धर्मस्थल बना रखा है जबकि वास्तव में ये बौद्ध स्थल है।

कहा कि काशी, मथुरा, साकेत और सोमनाथ के मंदिर बौद्ध विहार है और इन्हे हिंदु धर्मस्थल के रूप में परिवर्तित कर ब्राहम्णों ने कब्जा जमा रखा है। सरकार इन स्थलों को अवैध कब्जें से मुक्त करा कर बौद्धों को सौंपे। कहा कि महाबोधि महाविहार, बोधगया का पूर्ण प्रबंधन भी बौद्घों को सौंपा जाए।

इन्ही मांगों को लेकर नेटवर्क द्वारा देशव्यापी आंदोलन किया जा रहा है। इसी कड़ी में भारत बंद के आह्वान पर आज सड़क पर उतरे है। इसे लेकर नेटवर्क द्वारा पूरे देश में चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है और आगे इसी मुद्दे को लेकर 24 सितम्बर को वाराणसी और 27 सितम्बर को मथुरा में डीएम कार्यालय पर धरना दिया जाएगा। इसके बाद 26 नवम्बर को बोधगया में राष्ट्रीय स्तर की विशाल रैली की जाएगी।

आंदोलन में भारत मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष कमलेश यादव, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष सूबेदार मेहता, बहुजन मुक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र राम एवं इंडियन लीगल प्रोफेशनल एसोसिएशन के जिला संयोजक सुरेंद्र मेहता समेत नेटवर्क के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे।