डॉ राजेश रंजन ने 100 से अधिक लोगों का किया मुफ्त इलाज, स्वास्थ संबंधित दी जानकारियां

  • सत्यदेव सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की ओर से पटना के बाटा फैक्ट्री में लगा था स्वास्थ्य शिविर

पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। पटना का सत्यदेव सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल निरंतर मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर तत्पर रहता है. बिहार में विभिन्न जगहों पर लगातार अस्पताल की ओर से निःशुल्क चिकित्सा शिविर भी लगाया जाता है. इसी क्रम में पटना के दीघा स्थित बाटा फैक्ट्री में सूबे के प्रख्यात यूरोलॉजिस्ट व किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डा कुमार राजेश रंजन के नेतृत्व में मुफ्त चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया. सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक चले इस शिविर में लगभग सौ लोगों की जांच हुई और उन्हें चिकित्सकीय सलाह भी दी गई. डा राजेश रंजन के साथ उनकी डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की टीम ने लोगों का इलाज किया.

डॉ राजेश को अपने बीच पाकर काफी खुश दिखे बाटा कर्मी

बिहार के जाने माने यूरोलॉजिस्ट एवं किडनी ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट डॉ कुमार राजेश रंजन को अपने बीच पाकर बाटा के कर्मी काफी उत्साहित दिखे. डॉक्टर राजेश ने कर्मियों के साथ बातचीत की और उन्हें बीमारियों से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी. साथ ही लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित शिविर में सभी को अपने स्वास्थ्य की उचित देखभाल और बेहतर रखरखाव की सलाह दी. डॉ राजेश ने किडनी व मूत्र रोग से संबंधित बीमारी एवं उसके उपचार के बारे में भी लोगों को जागरूक किया.

किडनी व प्रोस्टेट कैंसर का नई तकनीक से इलाज: डॉ अमृता

सत्यदेव सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल की निदेशक डॉ अमृता ने बताया कि हम इस तरह के जांच शिविर हमेशा लगाते रहते हैं. अस्पताल की ओर से मरीजों को मेडिकल जांच और सलाह मुफ्त दी जाती है. आगे भी इस तरह का आयोजन होता रहेगा. उन्होंने बताया कि सत्यदेव सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल में किडनी कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर या अन्य तरह की पथरी से संबंधित रोगों का इलाज होता है. यहां एडवांस लेप्रोस्कोपिक विधि से इलाज की सुविधा है.किसी भी तरह के यौन रोग, सेक्स या बांझपन, शुक्रनली, अंडाशय संबंधी विकार, लिंग संबंधी परेशानी, हर्निया, हाइड्रोसिल, अपेंडिक्स, गॉल ब्लाडर समेत अन्य रोगों का इलाज भी होता है. यहां स्मार्ट आईसीयू विशेषज्ञों के नेतृत्व में चलने वाला आईसीयू है, जहां अत्याधुनिक तकनीक के जरिए 24 घंटे मरीज की देखभाल की जाती है.