औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बिहार की राजधानी पटना की वन साइडेड लवर पिंकी द्वारा वैलेंटाइन वीक के शुरूआत पर राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अपने लवर से शादी के लिए खुद को नौकरी देने की मांग करनेवाली लिखी चिट्ठी से सोशल मीडिया के हीरो बने चर्चित लेखक प्रभात बांधुल्य की शार्ट फिल्म “फिक्स रेट” की कहानी को उनके ही गृह जिले में दुहराये जाने का आरोप छात्र संगठन अभाविप ने लगाया है।
अभाविप के मगध विश्वविद्यालय संयोजक पुष्कर अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह यह फिल्म सिस्टम के करप्शन को दिखाती हुई बताती है कि बिना दो हजार का खाना(घुस) दिए शौचालय तक नही बनता है। ठीक इसी तरह औरंगाबाद का ओबरा प्रखंड मुख्यालय भ्रष्टाचार का पूरी तरह अड्डा बन चुका है। पुष्कर ने आरोप लगाया कि यहां के पदाधिकारी पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। आम जनों की परेशानी से इन्हें कोई मतलब नहीं रह गया है। हर काम के एवज में इन्हे पैसा चाहिए। लोग प्रतिदिन किसी न किसी काम को लेकर प्रखंड मुख्यालय आते हैं, लेकिन उनसे किसी भी काम के एवज में पैसे की मांग की जाती है।
कहा कि वर्तमान में बिहार सरकार के द्वारा संचालित लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत शौचालय निर्माण के लिए सरकार के द्वारा लाभुकों को 12 हजार रुपए की राशि दी जा रही है परंतु प्रखंड के कर्मियों द्वारा दो-चार बिचौलिया को रखकर पैसे की उगाही कर लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान का लाभ दिया जा रहा है। वैसे लाभुक जो शौचालय का निर्माण करवा चुके हैं, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिन लोगों को शौचालय के पैसे का भुगतान किया गया है, उन्हे भी दो से चार हजार की रकम लेकर ही इस योजना का लाभ दिया गया है। कहा कि प्रखंड कार्यालय में जितने भी कार्य हो रहे हैं, वें बिचौलियों के माध्यम से हो रहे हैं। गरीब व वंचित लोगों को सरकार की योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। जल्द ही स्थानीय पदाधिकारी अपने रवैये में सुधार नहीं लाएंगे तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बृहद पैमाने पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।