बच्चों के भी कानूनी अधिकार है : स्नेही

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के बैनर तले शुक्रवार को शहर के किशोरी सिन्हा कन्या उच्च विद्यालय में देश के स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर हक हमारा भी तो है के तहत चलाये जा रहे विशेष कानूनी जागरूकता अभियान की कड़ी में नागरिकों का सशक्तिकरण विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने की जबकि संचालन रिटेनर लायर अभिनंदन कुमार ने किया। इस मौके पर अधिवक्ता स्नेही ने कहा कि बड़ों का कर्तव्य है कि बच्चों के अधिकार की रक्षा करे और उनका बचपन छिनने की कोशिश न करें। कुछ लोग सोचते हैं कि बच्चों के क्या अधिकार होंगे, तो हम उनसे कहना चाहते है कि बच्चों को उनके अधिकार से वंचित न करें। लड़की की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष है। वे सभी स्त्रियां बच्ची के श्रेणी में आती है, जिनकी उम्र 18 से कम है। भारत के सभी 6 से 14 वर्ष तक की उम्र के सभी बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा व्यवस्था है। हर बच्चें को नशीली दावा और मादक पदार्थ के उपभोग से बचाना है। बच्चों को उन कार्यों से भी बचाना है जिससे उनका स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास प्रभावित होता हो।

बच्चों को कठोर दंड नहीं, यातना नहीं, कैद कर नहीं रखा जा सकता। यहां तक कि जेल में भी नहीं भेज सकते हैं। हमारे देश में गर्भधारण के 20 वे सप्ताह से ही जन्म लेने का अधिकार मिल जाता है। जो बच्चे विकंलाग, अभित्याग, अनाथ है उनके लिए भी कल्याणकारी कानून बने हुए हैं। मौलिक अधिकार, भागीदारी का अधिकार, आत्मरक्षा अधिकार, बाल श्रम से बचने का अधिकार प्राप्त है। इस अवसर पर अधिवक्ता देवकांत, प्रधानाचार्य उषा कुमारी, शिक्षक पंकज, ओमप्रकाश, रामाधार, वेदराज, मंजू, रंधीर सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थे।