पढ़िये नेशनल बुक ट्रस्ट से जेपी के जीवन पर प्रकाशित “लोकराज के नायक” पुस्तक के लेखक राकेश कुमार की भड़ास
लानत! लानत है! BPSC
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परमादरणीय चेयरमैन साहेब,
सादर प्रणाम.
67वीं बीपीएससी संयुक्त(प्रा) परीक्षा के संचालन व खुल्लम खुला कदाचारयुक्त परीक्षा ने आपके मान-सम्मान को कितना बढ़ाया है, इससे आप जरूर वाकिफ़ होंगे और आप सभी पदाधिकारियों के कृत्यों ने आपका और इस संवैधानिक संस्थान बीपीएससी की छाती को कितना चौड़ा किया है इसको नापने के लिए स्केल छोटे पड़ जाएँगे!
अब तक आप तकरीबन 6 लाख परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा का संचालन एक दिन में एक सीटिंग में किया करते थे, किंतु घोटाला उजागर होने के बाद यह आपके लिए असंभव हो गया!
अब आपने पैंतरे बदल लिये. कुछ नया शिगूफ़ा छेड़ दिया. क्या यह कदाचार को शिल्ड करने का नया तरीका तो नहीं है!
चेयरमैन साहेब, कल छात्रों ने दीलिप जी के नेतृत्व में शांतिपूर्ण विरोध जताया, तो आपने अपने तंत्र की भ्रष्ट व्यवस्था से चयनित एसडीएम द्वारा एक महिला प्रदर्शनकारी का दुपट्टा खींचवा लिया. यह तो वही बात हुई न कि अन्याय को संस्थागत रूप देने के लिए ‘द्रौपदी का चीरहरण’ करवा लिया जाए. लेकिन एक बात जान लीजिए आबरू उतवाने की कोशिश में कहीं आपको बे-आबरू न होना पड़ जाए!
चेयरमैन साहेब, यह जयप्रकाश नारायण जी की धरती है. जान लीजिए , नहीं जानते हैं तो जयप्रकाश नारायण जी की जीवनी(#लोकराजकेलोकनायक) अपने करीब के नेशनल बुक ट्रस्ट की स्टोर से खरीद कर पढ़ लीजिए. बिहार की धरती से ही जेपी ने छात्रों की जायज मांगों का समर्थन कर #छात्र_आंदोलन का बिगुल फूंका था. ढ़ह गयी थी-इंदिरा गाँधी की तानाशाही सरकार, ताश के पत्तों की तरह विद्यार्थियों की ताकत से.
इसी छात्र आंदोलन के ईमानदार पुरोधा माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी हैं.
चेयरमैन साहेब, अपने तानाशाही रवैये से पीछे हटिये. संस्थान के कुकृत्यों को सुकृत्यों में बदलने पर ध्यान दीजिए. आखिर क्यों आप ईमानदार मुख्यमंत्री जी के कार्यकाल को धब्बेदार व दागदार बनाने पर आमदा हैं! जान लीजिए, अगर छात्रों की ताकत से आपकी भ्रष्टाचार की फंसी गाड़ी लोगों की नज़र में आ जाएगी न!, तो हमारे मुख्यमंत्री जी का साफ कहना है, “न हम किसी को फंसाते हैं, न हम किसी को बचाते हैं, जान लीजिए.”
मुख्यमंत्री जी के पहल के लिए हृदय से धन्यवाद 🙏🙏