औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। देश में लद्दाख से लेकर कन्याकुमारी और कच्छ से म्यांमार सीमा तक ट्रांसमिशन लाइनों द्वारा एक ही फ्रीक्वेंसी पर निर्बाध रूप से बिजली पहुंचाई जा रही है। यह कार्य एनटीपीसी एवं अन्य विद्युत उत्पादकों द्वारा पर्याप्त मात्रा में किये जा रहे बिजली उत्पादन से संभव हो पा रहा है।
ये बातें एनटीपीसी की संपूर्ण स्वामित्व वाली नबीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी लि.(एनपीजीसीएल) की यहां स्थित बिजलीघर के महाप्रबंधक आरके अग्रवाल ने सोमवार को विद्युत, नवीन और नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय एवं बिहार सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित उज्ज्वल भारत-उज्ज्वल भविष्य, पावर @ 2047 बिजली महोत्सव को संबोधित करते हुए कही। श्री अग्रवाल ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। यह महोत्सव भारत के विकास में भूमिका निभाने वाले लोगो और सरकारी-गैर सरकारी संगठनों को समर्पित है। यह आयोजन भी अमृत महोत्सव का ही एक भाग है। उन्होने कहा कि उर्जा के क्षेत्र में देश को आगे बढ़ाने में एनटीपीसी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वर्तमान में हम 4 लाख मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहे है, जो देश की आवश्यकता से अधिक है। 1.49 लाख सरप्लस है। इस सरप्लस बिजली को हम पड़ोसी देशों को बेंच रहे है। कहा कि एनटीपीसी उर्जा उत्पादन के क्षेत्र में देश को निरंतर आगे बढ़ाने में लगा है और हमारी इकाईयों से उत्पादित बिजली बेहतर ट्रांसमिशन लाईनों के माध्यम से एक ही फ्रीक्वेंसी पर लद्दाख से कन्याकुमारी और कच्छ से म्यांमार सीमा तक पहुंचाई जा रही है। हम 1 लाख 12 हजार मेगावाट बिजली अभी और पहुंचा सकते है।
एनटीपीसी के अधिकारी ने कहा कि देश की संपूर्ण विद्युत उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत नवीकरणीय उर्जा स्रोतो से हासिल करना है। इस लक्ष्य के प्रति भी हम निरंतर अग्रसर है और नवंबर 2021 तक नवीकरणीय उर्जा स्त्रोतों से हम 1 लाख 63 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता हासिल करने में कामयाब हुए है और अगले पांच वर्षों में हम पूर्ण लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। उन्होने कहा कि वर्ष 2015 तक देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 12.5 घंटे की बिजली आपूर्ति की जा रही थी लेकिन अब औसतन 22.5 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है। शीघ्र ही देश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी हम 24 घंटे की निर्बाध बिजली आपूर्ति के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। श्री अग्रवाल ने बिहार की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में एनटीपीसी की इकाईयों से कुल 8410 मेगावाट बिजली उत्पादन करते हुए बिहार के विकास में सहयोग किया जा रहा है और हम सदैव सहयोग करते रहेंगे।
कार्यक्रम का बतौर मुख्य अतिथि उद्घाटन करने के बाद औरंगाबाद के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने कहा कि पूरे देश में सिर्फ औरंगाबाद में ही एनटीपीसी के दो पावर प्लांट है, जो हमारे लिए गौरव की बात है। उन्होने कहा कि बिहार भी नवीकरणीय उर्जा स्त्रोतों के माध्यम से 2030 तक देश में 40 प्रतिशत बिजली उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने में पनबिजली परियोजनाओं के माध्यम से हाथ बंटा रहा है। औरंगाबाद के बारूण समेत राज्य भर में कुल 12 हाइडेल प्लांट स्थापित है, जिनसे छोटी-छोटी मात्रा में बिजली का उत्पादन हो रहा है। निकट भविष्य में बिहार सरकार की और भी हाइडेल प्लांट स्थापित करने की योजना है। डीएम ने कहा कि बिहार सरकार सुदूरवर्ती गांवों तक बिज़ली पहुंचाने के प्रति कृत संकल्पित है। इसी संकल्प का परिणाम है कि औरंगाबाद के अति नक्सल प्रभावित एवं दुर्गम क्षेत्र में शुमार मदनपुर के तरी, लंगुराही और पचरूखियां तक बिजली पहुंचाई गयी है।
उन्होने बारिश नही होने के कारण औरंगाबाद जिले में सूखे की संभावना पर चर्चा करते हुए कहा कि खेतों की सिंचाई के लिए एग्रीकल्चर फीडर्स में बिजली की आपूर्ति बढ़ाई जा रही है और जल्द ही किसानों को मांग के अनुरूप बिजली उपलब्ध कराई जाएंगी। कार्यक्रम में साउथ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूसन कंपनी लि.(एसबीपीडीसीएल) के अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता एवं अन्य अधिकारियों ने कंपनी द्वारा औरंगाबाद जिले में ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के तहत किये गये कार्यों और उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में कुछ विद्युत उपओक्ताओं ने भी अपने अनुभवों को साझा किया। इस मौके पर एसबीपीडीसीएल द्वारा बिहार में बिजली के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों की वीडियो शो के रूप में प्रस्तुति दी गई।