औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने शुक्रवार को प्राधिकार में प्रतिनियुक्त मध्यस्थों के साथ अपने प्रकोष्ठ में एक बैठक की।
बैठक में उन्होने मध्यस्थता के मामलों के अद्यतन स्थिति की समीक्षा किया तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। सचिव ने कहा कि इधर कुछ दिनों में मध्यस्थता के प्रति लोगो का रूझान बढ़ा है तथा मध्यस्थता के प्रति न्यायालय भी सजग हुआ है। इस स्थिति में मध्यस्थों को लोगो और न्यायालय के प्रति बढ़ी रूचि को देखते हुए मेहनत करने की जरूरत है ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके। कहा कि पिछले कई सालो की तुलना में पिछले महीने काफी संख्या में मामले मध्यस्थता केन्द्र में आये तथा परिणाम लगभग 20 प्रतिशत सफलता के साथ रहा है। उन मामलों में लोगो का वाद मध्यस्थता के आधार पर समाप्त भी हुआ जो यह दिखाता है कि वादों को सहज रूप से निपटारे में मध्यस्थता की क्या भूमिका है। सचिव ने कहा कि मध्यस्थता प्रारंभिक स्तर पर ही वाद का निस्तारण करने का एक सशक्त माध्यम है। इसके लिए लोगों में मध्यस्थता के प्रति जागरूकता आवश्यक है।
बहुत से मामले ऐसे हैं जिसका प्रारंभिक स्तर पर ही निदान संभव है और इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तहत मध्यस्थता केंद्र संचालित है जिसमें न्यायालय से संबंधित बहुत से ऐसे मामले जो भरण-पोषण एव दहेज अधिनियम तथा अन्य मामले जो न्यायालय में लंबित रहते है, उसे संबंधित न्यायालय द्वारा मध्यस्थता केन्द्र में भेजा जा रहा है। सचिव ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा भी कई मामलो को मध्यस्थता के माध्यम से कराने हेतु आदेश पारित किया जाता है और उसका निस्तारण भी मध्यस्थता केंद्र द्वारा किया जाता है। इसी से प्रेरित होकर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार का यह सुझाव है कि लोग अपने वाद को प्रारंभिक स्तर पर ही मध्यस्थता केन्द्र के माध्यम से सुलझाने का प्रयास करें, जिससे कि उन्हें लम्बी कानूनी लड़ाई से मुक्ति मिल सके और परस्पर वार्ता तथा सहमति एवं मध्यस्थता के माध्यम से अपने वादों का राजी-खुशी पूर्वक समझौता कराते हुए न्यायालय से राहत पा सके। कहा कि मध्यस्थता का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार होता है, तो मध्यस्थता के माध्यम से अपने वादों को सुलझाने के लिए काफी मामला आयेगा जिसके निस्तारण हेतु मध्यस्थता केन्द्र की भूमिका बड़ी होने वाली है। सचिव ने मीडिया से भी अपील किया कि वे मध्यस्थता के विषय में लोगों को यथासंभव जानकारी उपलब्ध करायें ताकि लोगों को मध्यस्थता के फायदे मिल सके और वे मध्यस्थता के माध्यम से अपने न्यायालय में लंबित वादों का निष्पादन सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में करायें। साथ ही लोग अपने वाद लाने से पहले भी कुछ मामलों में मध्यस्थता का फायदा उठाकर अपने वाद लाने से पहले ही अपने समस्याओं का समाधान करा सकते हैं।