औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बिहार पुलिस ने अति नक्सल प्रभावित औरंगाबाद और गया जिले की सीमा पर स्थित छ्करबंधा के दुर्गम-जंगली इलाके को प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के क्षेत्रीय(रिजनल) हेडक्वार्टर के रुप में चिन्हित किया है। इस चिन्हित हेडक्वार्टर समेत औरंगाबाद-गया जिले समेत अन्य माओवाद प्रभावित जिलों को नक्सल मुक्त करने के लिए पुलिस ने एक खास योजना बना रखी है। इस योजना पर राज्य के सभी नक्सल प्रभावित इलाको में स्पेशल ऑपरेशन चलाकर अमल किया जा रहा है।
औरंगाबाद के पुलिस कप्तान कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि इस योजना पर अति नक्सल प्रभावित औरंगाबाद जिले में भी काम चल रहा है। औरंगाबाद जिले के अति नक्सल प्रभावित नबीनगर, अम्बा, देव, मदनपुर एवं रफीगंज प्रखंड क्षेत्रों के दुर्गम जंगली पहाड़ी इलाकों में लगातार काँबिंग, सर्च एवं हंटिंग ऑपरेशन चलाये जा रहे है। अभियान के तहत सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन, एसएसबी और जिला पुलिस की टीम नक्सलियों की टोह में लगी है। अभियान में हाल-फिलहाल आधा दर्जन मोस्ट वांटेड नक्सली पकड़े गये है। अभी चार दिन पहले ही औरंगाबाद पुलिस ने भाकपा माओवादी के स्पेशल एरिया कमिटी के कमांडर इन चीफ संदीप यादव के निधन के बाद नये चीफ के चयन के लिए होने वाली बैठक को विफल किया है। इस बैठक में चीफ के चयन के साथ ही नये चीफ की धमाकेदार उपस्थिति दर्ज कराने के लिए सुरक्षा बलों पर हमला कर बड़ा नुकसान करने की योजना थी, जिसे इस अभियान के तहत विफल कर दिया।
इस विफलता से खार खाये नक्सली शनिवार को मदनपुर के मुरली पहाड़ इलाके में बैठक कर पुलिस से बदला लेने की रणनीति बनाने की तैयारी में थे। इस तैयारी को भी ध्वस्त कर पुलिस ने भारी मात्रा में असलहे बरामद किये। एसपी ने कहा कि औरंगाबाद पुलिस माओवादियों के छकरबंधा रिजनल हेडक्वार्टर को तबाह करने और जिले को पूरी तरह नक्सलमुक्त करने के प्रति कृत संकल्पित है। इसके लिए औरंगाबाद-गया जिले के सीमावर्ती इलाकों में दोनो जिलो की पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है। एसपी ने दावा किया कि औरंगाबाद-गया पुलिस के संयुक्त अभियान से नक्सलियों के छ्करबंधा रिजनल हेडक्वार्टर को शीघ्र ही नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा।