औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमिटी के कमांडर इन चीफ संदीप यादव के निधन से संगठन में आई रिक्ततता की भरपाई के लिए नये चीफ के चयन के हेतु अति नक्सल प्रभावित औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र में लंगुराही-पचरूखियां के दुर्गम जंगली इलाके में हाल में होनेवाली अति महत्वपूर्ण बैठक को पुलिस ने विफल कर दिया है।
पुलिस कप्तान कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि खुफिया इनपुट मिला कि बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमिटी के कमांडर इन चीफ संदीप यादव के निधन के बाद माओवादी नये कमांडर के चुनाव के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक करने वाले है। इस बैठक में नये कमांडर इन चीफ के चयन के साथ ही नये चीफ के नेतृत्व में किसी बड़ी घटना को अंजाम देकर कमजोर होते संगठन की मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की भी योजना बनाई जाने वाली है। यह भी सूचना मिली कि गुप्त स्थान पर निर्धारित इस बैठक में शामिल होने के लिए संगठन के अलग-अलग एरिया के एरिया कमांडर्स, सब जोनल कमांडर्स, जोनल कमांडर्स, शीर्षस्थ माओवादी नेताओं एवं चुनाव कराने के लिए संगठन की ओर से नियुक्त प्रेक्षकों की टीम अपने-अपने इलाकों से गंतव्य के लिए कूच कर गये है। गुुप्त स्थान पर नक्सलियों का भारी जमावड़ा होने वाला है और बैठक में कमांडर इन चीफ के चयन के साथ ही सुरक्षा बलों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध छेड़ने और संगठन के कार्यों के सफल संचालन के लिए लेवी वसूली के लिए पहले के अलावा अन्य स्त्रोतों को विकसित करने पर गहन मंथन होनेवाला है। इस सूचना पर पुलिस के कान खड़े हो गये। पुलिस बेहद सतर्क और चौकन्नी हो गयी। पुलिस ने खुफिया टीम को पहले की अपेक्षा और ज्यादा अलर्ट मोड में लाया। नतीजतन पुलिस को जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से पल पल के अपडेट मिलने लगे। इन अपडेट्स के आधार पर पुलिस ने स्पेशल तरीके से माओवादियों के रिजनल हेडक्वार्टर कहे जाने वाले छ्करबंधा के आसपास के दुर्गम जंगली पहाड़ी इलाकों अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र मदनपुर थाना के लंगुराही, पचरुखिया, ब्रह्मदेव स्थान, दूधजगरा आदि पहाड़ी क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
ऑपरेशन शुरू होते ही पुलिस और सुरक्षा बलों की सक्रियता की भनक लगते ही बैठक में शामिल होने आ रहे माओवादी बीच रास्ते से ही वापस होने लगे। इस कारण नक्सलियों की नये कमांडर इन चीफ के चयन और सुरक्षाबलों पर हमला करने की तैयारी को पलीता लग गया। उनकी बैठक करने की योजना को सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया। इस दौरान सुरक्षा बलों ने नक्सलियों को पहाड़ी क्षेत्रों से खदेड़ डाला। हालांकि नक्सली बेहद चालाक निकले और अथक प्रयासों के बावजूद कोई भी नक्सली पुलिस के हाथ नही लग सका लेकिन सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने पुलिस को क्षति पहुंचाने वाले हथियार एवं सामग्रियों को बरामद किया है। उन्होने कहा कि नक्सली तरी, लंगुराही तथा पचरुखिया में निर्माणाधीन सीआरपीएफ कैंप के कार्य में भी बाधा पहुंचाने की योजना थी। इस दौरान बैठक में शामिल होने आ रहे नक्सली सामान्य आदमी बनकर जंगली इलाकों में अपने कई हथियार छोड़ कर निकल भागे, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। नक्सलियों द्वारा छोड़े गए बरामद हथियारो के जखीरे में एक 7.62 एसएलआर, एक 7.62 एएफआई बोल्ट रायफल, 7.62 एसएलआर की 257 गोली, एसएलआर की 3 मैगजीन, एक बोल्ट एक्शन मैगजीन, दो अम्यूनिशन पाउच, 10-12 पीस मेडिसिन, एक आईडी चेक करने वाला निडिल, एक लेदर का पर्स, 100 मीटर बिजली का तार, एक पिस्टल, दो पिस्टल की मैगजीन, 12.9 एमएम पिस्टल की गोली, एक देसी बंदूक, एक मोटरोला कंपनी का हैंडसेट एवं 30-35 की नक्सली साहित्य शामिल है। उन्होने कहा कि औरंगाबाद पुलिस जिले से नक्सलियों के संपूर्ण सफाये की योजना पर लगातार काम कर रही है और इस कार्य में शीघ्र ही पूर्ण सफलता मिलेगी।