अब बिहार में पीडीएस दुकानों से मिलेगा फोर्टिफाइड चावल, एमडीएम में भी होगी आपूर्ति

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। अब बिहार में भी राशन की दुकानों से पोषक तत्व वाले फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की जाएगी।

बिहार राज्य खाद्य निगम के अध्यक्ष विद्यानंद विकल ने शुक्रवार को यहां बताया कि राज्य में अभी समेकित बाल विकास परियोजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रो को फोर्टिफाइड राइस की आपूर्ति की जा रही है, जबकि स्कूलों को भी मध्याहन भोजन योजना में भी फोर्टिफाइड राइस की आपूर्ति की जाएंगी। साथ ही जन वितरण प्रणाली के माध्यम से कार्डधारियों को भी फोर्टिफाइड राइस ही उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार के स्तर पर कार्य शुरू कर दिया गया। निविदा की प्रक्रिया पूरी होने को है। टेक्निकल बिड का काम हो चुका है और फिनांसियल बिड की प्रक्रिया पाइपलाईन में है। निविदा की प्रक्रिया पूरी होते ही फोर्टिफाइड राइस की आपूर्ति आरंभ कर दी जाएंगी। श्री विकल ने बताया कि भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय के मुताबिक देश में हर दूसरी महिला में खून की कमी है और हर तीसरा बच्चा कुपोषित है। देश में कुपोषण की गंभीर समस्या को दूर करने के लिए ही केंद्र सरकार ने फोर्टिफाइड राइस आपूर्ति का महत्वाकांक्षी अभियान शुरू किया है। इसके तहत मिड डे मील और राशन की दुकान पर फोर्टिफाइड राइस को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत राज्य सरकार ने भी फोर्टिफाइड राइस उपलब्ध कराने की दिशा में यह पहल की है।


क्या है फोर्टिफाइड राइस-

फोर्टिफाइड राइस का मतलब पोषणयुक्त चावल है। इसमें आम चावल की तुलना में आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा जिंक, विटामिन-ए, विटामिन-बी वाले फोर्टिफाइड राइस भी विशेष तौर पर तैयार किए जा सकते हैं। फोर्टिफाइड राइस को आम चावल में मिलाकर खाया जाता है। यह देखने में बिल्कुल आम चावल जैसा ही लगता हैं लेकिन इसका स्वाद बेहतर होता है। भारत सरकार के फूड सेफ्टी रेग्युलेटर(एफएसएसएआइ) के मुताबिक फोर्टिफाइड राइस खाने से भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।


फोर्टिफाइड राइस के पोषक तत्व-

फोर्टिफाइड राइस मिल में बनाया जाता है। इसे बनाने के दौरान फोर्टिफाइड राइस में सूक्ष्म पोषक तत्व, विटामिन और खनिज की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है। इसके लिए कोटिंग, डस्टिंग और एक्सट्रूजन (उत्सारण) जैसी तकनीक अपनाई जाती है। पहले सूखे चावल को पीसकर आटा बनाया जाता है, फिर उसमें सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। उसके बाद पानी के साथ इन्हें सही तरीके से मिक्स किया जाता है। फिर मशीनों की मदद से सुखाकर इस मिश्रण को चावल का आकार दिया जाता है, जिसे फोर्टिफाइड कर्नेल(एफआरके) कहा जाता है। राइस तैयार होने के बाद फोर्टिफाइड राइस को आम चावल में मिला दिया जाता है। एफएसएसआइ के नियमों के मुताबिक फोर्टिफाइड राइस को 1रू100 के अनुपात में मिलाया जाता है। मतलब 1 किलो चावल में 10 ग्राम फोर्टिफाइड राइस मिलाया जाता है।