औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। उर्जा उत्पादन के क्षेत्र में देश की अग्रणी कंपनी एनटीपीसी लि. के पूर्ण स्वामित्व वाली बिहार के औरंगाबाद जिले में नबीनगर प्रखंड के शिवनपुर स्थित नबीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी लि.(एनपीजीसी) की तीसरी यूनिट से बिजली का उत्पादन आरंभ होते ही यहां से 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगा है।
एनपीजीसी परियोजना में लक्ष्य के मुताबिक बिजली उत्पादन शुरू हो चुका है। अब प्रबंधन परियोजना के दूसरे ब्लॉक को लेकर रणनीति बनाने में जुटा है। दूसरे ब्लॉक से बिजली उत्पादन के लिए भूमि एवं आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। इसके लिए पानी एवं कोयले के एग्रीमेंट को आवश्यकता है। सरकार के स्तर से परियोजना के दूसरे फेज के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाने पर यह कार्य भी शीघ्र आगे बढ़ सकता है। गौरतलब है कि एनपीजीसी में 660 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाली तीन इकाईयों की स्थापना की जानी थी। प्रथम यूनिट से 660 मेगावाट का वाणिज्यिक बिजली उत्पादन 6 सितंबर 2019 को किया गया था। दूसरी यूनिट से 23 जुलाई 2021 को 660 मेगावाट एवं तीसरी यूनिट से 660 मेगावाट कॉमर्शियल बिजली का उत्पादन अब शुरू हो गया है। अब इस बिजली घर से पूरी क्षमता यानी कुल 1980 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जाने लगा है।
एनपीजीसी के सीईओ आरके पांडेय ने बताया कि 660 मेगावाट प्रति यूनिट के लिए नौ हजार मीट्रिक टन कोयला तथा 15 क्यूसेक पानी की खपत प्रतिदिन प्रति यूनिट के हिसाब से होगी। इस आधार पर पहले से दो यूनिट के लिए 18 हजार मीट्रिक टन कोयला तथा 30 क्यूसेक जल की खपत प्रतिदिन होती थी। अब तीसरी यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू होने पर कुल 27 हजार मीट्रिक टन कोयला तथा 45 क्यूसेक पानी की खपत तीनों यूनिट के लिए प्रतिदिन होगी। उन्होने बताया कि पूर्वी क्षेत्र में एनटीपीसी बिजली उत्पादन के मामले में अव्वल रहा है और इस यूनिट के शुरू होने से बिहार में बिजली की खपत में लगातार बढ़ रही मांग पूरी करने में सहायता मिलेगी। कहा कि लक्ष्य को जिस टीम भावना से हासिल किया है, वह ऐतिहासिक है। इस उपलब्धि को एनटीपीसी के इतिहास में याद रखा जाएगा। एनटीपीसी के पूर्वी क्षेत्र-1 के कार्यकारी निदेशक व एनपीजीसी के निदेशक शीतल कुमार ने बताया कि वर्तमान में एनटीपीसी ने बिहार में कुल 76 हजार करोड़ से भी अधिक के निवेश से कुल छह संयंत्रों द्वारा 8410 मेगावाट की विद्युत उत्पादन क्षमता हासिल की है, जबकि 1320 मेगावाट की परियोजना निर्माणाधीन है। वर्तमान में एनटीपीसी से बिहार को 5362 मेगावाट का विद्युत आवंटित है, जो इस यूनिट से मिलने वाली 559 मेगावाट के बाद बढ़ कर 5922 मेगावाट हो गया है। एनपीजीसी के 660 मेगावाट की तीसरी यूनिट के कमीशन के बाद एनटीपीसी के 78 विद्युत संयंत्रों, जिनमें 34 से भी अधिक नवीकरणीय व जल विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं, की स्थापित क्षमता बढ़कर 69016 मेगावाट से भी अधिक हो गयी है। देश भर में कंपनी की 15,000 मेगावाट की विभिन्न निर्माणाधीन परियोजनाओं में कई सौर परियोजनाएं भी शामिल हैं। गौरतलब है कि एनपीजीसी बिजली घर को 19,412 करोड़ की लागत से सुपर क्रिटिकल तकनीक पर बनाया गया है। विद्युत मंत्रालय ने 1980 मेगावाट की कोयला आधारित इस परियोजना से उत्पादित बिजली का 84.8 प्रतिशत हिस्सा गृह राज्य बिहार को आवंटित किया है, जबकि शेष बिजली उत्तर प्रदेश, झारखंड और सिक्किम को दी गई है। इस यूनिट की पहली व दूसरी इकाई का वाणिज्यिक प्रचालन क्रमशः 6 सितम्बर 2019 व 23 जुलाई 2021 को केन्द्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह ने राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव की मौजूदगी में किया था।