औरंगाबाद में सभी छः विस सीटों पर एनडीए की हार की 26 नवम्बर को समीक्षा करेंगे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष

समीक्षा बैठक के हंगामेंदार होने के आसार, औरंगाबाद से हारे पूर्व मंत्री रामाधार के तेवर रहेंगे गर्म

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बिहार विधानसभा चुनाव में औरंगाबाद जिलें की सभी छः विधानसभा सीटों पर एनडीए गठबंधन की करारी हार की समीक्षा करने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल गुरुवार 26 नवम्बर को औरंगाबाद आ रहें है।

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हालांकि यह समीक्षा बैठक एनडीए की नही बल्कि सिर्फ भाजपा की है लेकिन माना जा रहा है कि इस बैठक में भाजपा के कोटे की दो सीटों-गोह और औरंगाबाद के साथ ही जिलें की सभी छः विधानसभा सीटों पर बेहतर स्थिति में होने के बावजूद एनडीए के हार जाने के कारणों पर चर्चा हो सकती है। यहां आने पर प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-139 पर मंजूराही के पास स्थित पार्टी के जिला कार्यालय में दोपहर 03.30 बजे से आयोजित समीक्षा बैठक में भाग लेंगे।

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बैठक में पार्टी के सांसद, विधानसभा प्रत्याशी, विधान पार्षद, पार्टी के जिला स्तर के सभी पदाधिकारी, जिलें के सभी विधानसभा संयोजक, सभी मंच-मोर्चा के जिलाध्यक्ष, आईटी सेल के जिला संयोजक, सभी मंच-मोर्चा के जिलें से ताल्लुक रखने वालें प्रदेश पदाधिकारी, सभी प्रकोष्ठों के जिला संयोजक, सभी प्रकोष्ठों के जिलें से ताल्लुक रखने वालें के प्रदेश पदाधिकारी, जिलें से ताल्लुक रखने वालें भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी, जिलें से ताल्लुक रखने वालें भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं सभी मंडल अध्यक्ष भाग लेंगे।

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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल

बैठक में खासकर गोह से पिछली बार की जीती हुई सीट को इस बार गंवा देने तथा औरंगाबाद में हाथ आती बाजी के निकल जाने पर चर्चा होगी। साथ ही एनडीए का घटक दल होने के नाते पार्टी जदयू के कब्जे में रही नवीनगर और रफीगंज की सीट पर भी हुई हार की समीक्षा कर सकती है। हार के कारणों में एनडीए गठबंधन के घटक दलों में पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के स्तर पर तालमेल तथा आपसी समन्वय की कमी, कतिपय कारणों से घटक दलों में एक-दूसरें के साथ किये गये संभावित घात-प्रतिघात, विश्वासघात, घटक दलों के नेताओं एवं अपने ही दल के नेताओं की व्यक्तिगत रंजिश-खुन्नस एवं अन्य बातों पर समीक्षा बैठक में विस्तार से चर्चा होने की गुंजाइश है। माना जा रहा है कि समीक्षा बैठक हंगामेंदार होगा।

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सांसद सुशील कुमार सिंह

राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि समीक्षा बैठक में भाग लेने के लिए पार्टी के सांसद, विधान पार्षद एवं विधानसभा प्रत्याशी रहे नेताओं को भी बुलाया गया है। ऐसे में औरंगाबाद से हारे पार्टी उम्मीदवार और पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह बैठक में भाग लेने आते है तो निःसंदेह सबकी नजरें उनकी ओर होगी क्योकि चुनाव हारते ही वें अपनी हार का ठीकरा औरंगाबाद के पार्टी सांसद सुशील कुमार सिंह पर सीधें तौर पर फोड़ चुके है।

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पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह

यह भी सर्वविदित है कि दोनों के बीच छतीस के रिश्तें है और दोनों ही एक-दूसरें को फूटी आंख भी देखना पसंद नही करते है। ऐसे में बैठक में भाग लेने पर जब रामाधार सिंह अपनी हार का ठीकरा पुनः सांसद पर फोड़ेंगे तो हंगामा होना तय माना जा रहा है। वैसें भी रामाधार सिंह की यह पुरानी आदत है कि मौका मिलते ही वें अपने विरोधी पर घातक वार करने से कभी चूकतें नही है। इस स्थिति में पक्कें आसार है कि रामाधार सिंह समीक्षा बैठक में हार के कारणों पर चर्चा के दौरान अपने विरोधी पर सधा हुआ प्रहार अवश्य करेंगे तो हंगामा होना लाजिमी ही होगा।

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राजनीतिक प्रेक्षक यह भी मानकर चल रहे है कि संभव है कि सांसद सुशील कुमार सिंह समीक्षा बैठक से दूर रह सकते है क्योकि संभवतः वें यह मानकर चलने वालें में से है कि बैठक में यदि उनके धुर विरोधी रामाधार सिंह रहेंगे तो वह उन पर हमलावर तेवर जरुर दिखाएंगे। प्रेक्षक यह भी सलाह देते है कि सांसद के लिए बैठक से दूर रहना ही बेहतर होगा क्योकि यदि आपकों यह लगे कि किसी जगह आप पर कीचड़ ही उछाला जायेगा तो वहां जाकर कीचड़ के छीटें लेने और बदलें में आमने-सामने होकर एक-दूसरें पर कीचड़ उछालनें से बेहतर दूर रहना ही है।

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प्रेक्षकों का यह भी कहना है कि सांसद राजनीति के मंजें हुए खिलाड़ी है और उन्होने रामाधार सिंह को कभी भी सीमने से वार करनें का मौका नही दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि सांसद निःसंदेह समीक्षा बैठक से किसी न किसी बहाने दूर रहकर दूर से ही सारा तमाशा देखेंगे। ऐसें में देखना यह होगा कि समीक्षा बैठक में क्या-क्या गुल खिलता है।