औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामानुज पांडेय ने दावा किया है कि सैकड़ों वर्षों की प्रतीक्षा के बाद हुए ज्ञानवापी सर्वें में देश में आक्रांताओं के अत्याचार को सत्य पाया गया है।
श्री पांडेय ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि विदेशी आक्रांताओं एवं विदेशी मूल के शासकों ने भारत के धर्मस्थान एवं मान बिंदुओं को ध्वस्त किया था, उसे आजादी के बाद भी देश की सरकारों द्वारा संरक्षित रखने का कार्य किया जाता रहा। कहा कि जनता की मांग पर न्यायालय ने कमीशन द्वारा जांच कराकर जिन तथ्यों को संग्रहित किया है, वह विषय देश के कई विद्वानों ने कई जगहों पर लिखने का काम किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने भी अपनी किताब में भी काशी में मुसलमान शासकों के द्वारा बार-बार किए गए विध्वंस को लिखा है।
इसके बावजूद देश में तुष्टिकरण की राजनीति में देश की बहुसंख्यक जनता हिंदुओं के साथ सदैव सौतेला एवं उपेक्षा पूर्ण व्यवहार करने का काम किया गया। हम उम्मीद करते हैं कि देश के अंदर ऐसे जितने भी अत्याचार के चिह्न हैं, उसे स्वाधीनता के बाद जैसे सोमनाथ को पुनर्प्रतिष्ठित किया गया, अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्म भूमि पर भव्य मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ, वैसे ही ऐसे सभी स्थानों पर जिसे आक्रमणकारियों ने तोड़ा और विध्वंस किया है, उसका पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए। पराधीनता के हर कलंक को देश से मिटाया जाना चाहिए और राष्ट्रीय स्वाभिमान के पावन कार्य के लिए सभी देशवासियों को एक स्वर में बोलना चाहिए और जरूरत पड़ी तो एक साथ खड़े भी होना चाहिए।