औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-11 अनिन्दिता सिंह की अदालत ने शुक्रवार को औरंगाबाद ने मुफ्फसिल थाना कांड संख्या-37/10 में भादवि धारा 304 पार्ट-2, 149 में सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए सभी छः अभियुक्तों को चार वर्ष कैद की सजा सुनाई।
धारा 147 में दो वर्ष की सजा सुनाई गई है तथा धारा 323 और 149 में एक वर्ष की सजा सुनाई गई है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सरकार की ओर से एपीपी बिगु प्रसाद और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता जगनरायण सिंह ने बहस में भाग लिया। जगनरायण सिंह ने न्यायालय से अनुरोध किया कि परिवार में कोई अन्य कमाने वाला बालिग सदस्य नहीं है। सभी को छोटे छोटे बच्चे हैं। इन सभी का आपराधिक इतिहास नहीं रहा है। दोनों पक्षों के सुनने के बाद न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाया। सभी अभियुक्तों को धारा 304 बी पार्ट 2 में 22 अप्रैल को दोषी ठहराया गया था और बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया था। शुक्रवार को न्यायालय परिसर में उनके परिवार और गांववालो की भीड़ जमा हो गई थी जो सजा सुनने के बाद चले गए।
अधिवक्ता ने बताया कि औरंगाबाद मुफ्फसिल थाना के भोजा बिगहा निवासी सूचक रामबली यादव ने 2 मार्च 2010 को प्राथमिकी दर्ज कराया था जिसमें कहा था कि मेरा पुत्र रामाधार यादव 1 मार्च 2010 को जोगिया से सब्जी लेकर लौट रहा था। गांव में गमी के कारण रंग नहीं लगवा रहा था तो सहेरा निवासी रामविलास यादव के झोपड़ी के पास रामविलास यादव, राजेन्द्र यादव, मुन्ना यादव, राकेश यादव, विजेन्द्र यादव, सत्येन्द्र यादव ने जबरदस्ती रंग डालने के विवाद को लेकर लाठी-डंडे और मुक्का से मारकर मेरे पुत्र रामाधार यादव को अधमरा कर दिया। औरंगाबाद सदर अस्पताल से पटना ले जाने के क्रम में ओबरा रेलवे क्राॅसिंग पर उसकी मृत्यु हो गई। अधिवक्ता ने बताया कि सभी धाराओं में सजाएं साथ-साथ चलेंगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाएगी।