- देर रात तक चला हाईवोल्टेज ड्रामा‚ स्पीकर‚ डिप्टी स्पीकर का इस्तीफा
- वोटिंग से पहले ही सत्ता पक्ष ने मानी हार और छोड़ा सदन
नई दिल्ली (विद्या भूषण शर्मा)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के गठबंधन सहयोगियों के लगातार उनका साथ छोड़़ने के बाद अल्पमत में आई सरकार का जाना तो लगभग तय था लेकिन नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के जरिए इसकी रस्म अदायगी होनी बाकी थी। काफी जद्दोजहद‚ आरोप–प्रत्यारोपों के बाद आखिरकार शनिवार देर रात तब इस बड़े सियासी ड्रामे पर ब्रेक लग गया जब नेशनल असेंबली में इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव १७४–० से पारित हो गया। मीडि़या की खबरों के मुताबिक शहबाज शरीफ मुल्क के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं। इस बीच इमरान खान ने प्रधानमंत्री आवास छोड़ दिया है।
देर रात मिली जानकारी के मुताबिक सवा एक बजे तक अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की प्रक्रिया चलती रही। इससे पहले प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ पाकिस्तान नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए कार्यवाही दोबारा शुरू होने से पहले ही देश में संघर्ष जैसे हालात पैदा हो गए थे। इस्लामाबाद के सभी रास्ते बंद कर दिए गए थे। देश के सभी एयरपोर्टों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी। अस्पतालों को हाईअलर्ट पर रहने को कहा गया था। पुलिस कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई थी। पुलिस अधिकारियों को इस्लामाबाद में ही रहने का आदेश दिया गया था। देश के सुप्रीम कोर्ट और इस्लामाबाद हाईकोर्ट के दरवाजे रात को खोल दिए गए थे ताकि आवश्यक याचिकाओं पर सुनवाई की जा सके।
उधर‚ समाचार लिखे जाने तक लाहौर की सड़़कों पर इमरान समर्थकों का प्रदर्शन जारी था। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले स्पीकर असद कैसर और डि़प्टी स्पीकर ने इस्तीफा दे दिया था। स्पीकर कैसर ने सुबह इमरान के साथ अपने संबंधों का हवाला देते हुए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने से इनकार कर दिया था। इस्तीफे की घोषणा के बाद कैसर ने पीएमएल–एन के अयाज सादिक को सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता करने को कहा।
इससे पहले संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में हार की प्रबल संभावना के बावजूद इमरान ने कहा कि मैं अकेला आदमी हूं जो एक धांधली व्यवस्था के खिलाफ लड़़ रहा है। मैं कभी हार नहीं मानूंगा। मुझे जेल हो सकती है‚ लेकिन मैं आखिरी गेंद तक अपने देश के लिए लड़़ता रहूंगा। मैं किसी भी सूरत में विदेशी साजिश को कामयाब नहीं होने दूंगा। इससे पहले प्रधानमंत्री इमरान की अध्यक्षता में मंत्रिमंड़ल की बैठक में धमकी भरे पत्र को नेशनल असेंबली के स्पीकर‚ सीनेट के सभापति व पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के साथ साझा करने की अनुमति दी गई। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान यह फैसला भी किया गया कि इमरान को इस्तीफा नहीं देना चाहिए।
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