औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। शहर के शाहगंज मुहल्ला निवासी मो. जावेद की पत्नी 38 वर्षीया तमन्ना खातून शरीर में मात्र चार प्रतिशत हिमोग्लोबिन रहने से जीवन और मौत से जूझ रही थी।
इसकी जानकारी मिलने पर शहर के सामाजिक कार्यकर्ता शाहनवाज रहमान उर्फ सल्लू खान ने रक्तदान कर महिला की जान बचाई। सल्लू ने बताया कि ब्लड की कमी से महिला कई बार बेहोश हो चुकी थी। महिला के पति ने ओ पॉजिटिव ब्लड के लिए कई लोगों से गुहार लगाई लेकिन ब्लड उपलब्ध नही हो सका।
इसकी सूचना मिलने पर उन्होने पहले सिविल सर्जन डाॅ. कुमार वीरेंद्र प्रसाद से बात की पर उन्होंने हाथ खड़ा कर दिया। कहा कि हम कहां से ब्लड दे सकते हैं, डोनर दीजिए या आप अपने दे दीजिए। सल्लू खान ने कहा कि हमने एक महीना पहले ही रक्तदान किया है। जब मेरा टाइम नहीं हुआ तो मैं कहां से दे दूं। इस पर सीएस ने कहा कि आप रक्तदान कर सकते हैं, कुछ नहीं होगा। इसके बाद मैने रक्तदान किया। तमन्ना खातून को ब्लड चढ़ा और उसकी जान बच गई।