औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। शाह और मात के खेल के बीच औरंगाबाद जिला परिषद अध्यक्ष प्रमिला देवी चुन ली गईं। प्रमिला देवी ने पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष नीतू देवी को पांच मतों से पराजीत कर अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया। बता दें कि औरंगाबाद जिले में जिला परिषद की 28 सीटें हैं। पूर्व अध्यक्ष नीतू देवी और दाउदनगर से विजयी प्रमिला देवी के बीच अध्यक्ष पद को लेकर शाह मात का खेल चल रहा था।
बताया जाता है कि प्रमिला देवी जदयू समर्थित उम्मीदवार थी। गुरुवार को औरंगाबाद समाहरणालय में सबसे पहले सभी नवनिर्वाचित जिला पार्षदों को पद एवं गोपनियता की शपथ दिलायी गई। इसके बाद जिला परिषद के अध्यक्ष का चुनाव कराया गया। वहीं जिला परिषद के उपाध्यक्ष के चुनाव का परिणाम अभी घोषित नहीं किये गए हैं।
जिला परिषद के पहले अध्यक्ष रहे थे राजेंद्र प्रसाद सिंह
जिला परिषद औरंगाबाद के पहले अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंह बने थे। वर्ष 1980 से 1986 तक उनका कार्यकाल रहा। वर्ष 2001 में इसके अध्यक्ष रंजीत सिंह बने। वे 2003 तक अध्यक्ष रहे। वर्ष 2003 से 2006 तक राघवेंद्र प्रताप सिंह अध्यक्ष रहे। वर्ष 2006 से 2008 तक पंकज कुमार पासवान अध्यक्ष रहे जबकि 2008 से 2010 तक रूपा देवी अध्यक्ष रहीं। 5 जनवरी 2011 से 30 जून 2011 तक पंकज कुमार पासवान पुन: अध्यक्ष रहे। इसके बाद रंजू देवी अध्यक्ष बनी।
वर्ष 2011 से 2013 तक उनका कार्यकाल रहा और फिर 2013 से 2016 तक उन्होंने अपने कार्यकाल को पूरा किया। पांच साल का कार्यकाल उनके नाम रहा। नीतू सिंह ने 1 जुलाई 2016 से अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया और पूरे पांच साल तक अध्यक्ष रहीं। बीच में अविश्वास प्रस्ताव का भी दौर आया लेकिन उनकी कुर्सी पर खतरा नहीं हुआ। उपाध्यक्ष पद पर रहे महिपत राम ने भी अपना कार्यकाल पूरा किया। वर्तमान में वे जिला परिषद के चुनाव में हार चुके हैं।
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