औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के तत्वावधान में मंगलवार को प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला जज मनोज कुमार तिवारी, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय रामलाल शर्मा, ओम प्रकाश सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम विवेक कुमार, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम अनन्दिता सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रणव शंकर तथा अन्य न्यायिक पदाधिकारियों द्वारा विधिवत दीप प्रज्ज्वलित कर महिला सशक्तिकरण पर आयोजित विशेष जागरूकता सह कार्यशाला का उद्घाटन किया गया।
इस अवसर पर विधिक सेवा सदन में सभी न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित रहें। विदित हो कि राष्ट्रीय महिला आयोग एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में महिलाओं से संबंधित कार्यशाला सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें जिले की महिला शिक्षकों, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी की सेविकाओं-सहायिकाओं तथा महिला पारा विधिक स्वयंसेवकों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन न्यायिक दण्डाधिकारी द्वितीय श्रेणी सुदीप पांडेय ने किया। सर्वप्रथम जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने सभी न्यायिक पदाधिकारियों का अभार प्रकट करते हुए कहा कि आप सब जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रत्येक कार्यक्रमों में सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इससे हमें हौसला प्राप्त होता है। सचिव ने पूरे कार्यक्रम के उद्देश्यों पर विशेष प्रकाश डाला। आगंतुकों को बताया कि यह कार्यक्रम सिर्फ आपके लिए नहीं बल्कि आपके माध्यम जुड़े तमाम लोगों के लिए हैं। एक महिला का शिक्षित होना पूरे परिवार के लिए शिक्षित होने की गारंटी है। इसलिए आप जागरूक होंगें तो पूरा समाज जागरूक हो जायेगा। आपके माध्यम से पूरे समाज में विधिक जागरूकता फैले, जिला विधिक सेवा प्राधिकार का उदेश्य भी यही है कि आप यहां से कुछ सीख कर जायें और पूरे समाज में इसे फैलायें। सचिव के संबोधन के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनन्दिता सिंह ने नारी सशक्तिकरण को आज के संदर्भ में जरूरत बताया। उन्होंने कहा कहा कि हर दिन नारी का है। हर दिन शक्ति का पर्व है। हर दिन इन्सानियत का है, जिसकी केन्द्र बिन्दु नारी है। नारी को समाज की शक्ति बताते हुए कहा कि जो कि सृजन की शक्ति आपने अपने अन्दर समेटी हुई है, उन्हें विकसित तथा परिष्कृत करे। सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, न्याय, धर्म, विचार और उपासना की स्वतंत्रता और समानता का अवसर प्रदान करना ही नारी सशक्तिकरण का श्रेष्ठ उदाहरण है। वही अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सों विवेक कुमार ने महिलाओं के सशक्तिकरण, प्रखर हिस्सेदारी एवं महिला कानून पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओम प्रकाश सिंह ने भी महिला उत्थान पर बल दिया तथा बराबर सामाजिक भागीदारी पर बल दिया गया। परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राम लाल शर्मा ने महिलाओं के सशक्तिकरण में कुटुम्ब न्यायालय और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर महिलाओं को बताते हुए कहा कि महिलाएं अगर सशक्त होती हैं तो एक स्वच्छ समाज का निर्माण होगा और उनके गुणों को ही पाकर भविष्य का समाज निर्मित होगा।
वही अध्यक्षीय भाषण में जिला जज ने कहा कि महिलाएं अपनी क्षमताओं का प्रयोग समाज की भलाई एवं सुधार में लगाए तो समाज नि:संदेह अच्छा होगा। जरूरत है आप लोगो के जागने की। जिला जज ने इस बात पर विशेष प्रकाश डाला कि आप जिस प्रोफेशन में हैं, वहां कार्य के लिए वेतन मिलता है परन्तु आपका दायित्व सिर्फ आपके अपने कार्य तक ही सीमित नहीं है बल्कि आपने समाज को क्या दिया, इसके लिए भी आपको सोचना होगा और जब आप यह सोचेंगी तो अवश्य ही आप सब समाज के लिए करेंगीं। यही सच्चे रूप में महिला सशक्तिकरण का समाज में उदाहरण बनेगा। पूरा कार्यक्रम तीन चरणों में संपन्न हुआ। प्रथम चरण के बाद द्वितीय चरण में पैनल अधिवक्ता स्नेहलता ने महिलाओं के सम्पति के अधिकार, निवेदिता कुमारी ने महिला उत्पीड़न से संबंधित कानूनों यथा घरेलू हिंसा जैसे महत्वपूर्ण कानूनों पर विस्तृत जानकारी दी। इसी चरण में पैनल अधिवक्ता अभिनन्दन कुमार ने साईबर क्राईम से जुड़े कानूनों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि साईबर या इन्टरनेट के माध्यम से होने वाले अपराध को छुपाना नहीं है और न ही डरने की जरूरत है। आगे आकर इससे मुकाबला करने की जरूरत है। कानून तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकार को आप हर कदम पर हर परिस्थिति में साथ पायेंगें। नालसा एप अथवा सोशल नेटवर्क यथा टवीटर, फेसबुक, यू-टयूब के जरिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार आपके मदद में खड़ा रहेगा। द्वितीय चरण को संबोधित करती हुई महिला परियोजना पदाधिकारी कान्ति सिंह ने महिलाओं से सबंधित अपराध एवं वन स्टॉप सेन्टर के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कहा कि वन स्टॉप सेन्टर में महिलाओं से संबंधित अधिकारों और समस्याओं का निदान एक ही छत के नीचे कैसे किया जाता है। इसके बारे में उन्होने जानकारी उपलब्ध कराया। साथ ही समस्याओं के निदान हेतु अपने स्तर से हरसंभव मदद करने का भरोसा दिलाया। कार्यशाला के तृतीय चरण में सचिव प्रणव शंकर ने सभी महिला शिक्षिकाओं, आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं तथा महिला पारा विधिक स्वयंसेवकों को मूलभूत कानून की जानकारी उपलब्ध कराई जिससे सभी लोग अबतक अंजान थे। सचिव ने महिलाओं द्वारा उठाये गये प्रत्येक सवाल का विस्तार से जबाव दिया। सचिव ने सभी महिलाओं से यह विशेष रूप से अनुरोध किया कि जितनी जानकारी आपको उपलब्ध करायी गयी है, आप उनमें से आधा भी अपने परिवार, समाज, छात्र, सहयोगी एवं अन्य को बताकर उन्हें विधिक अधिकारों के बारे में जागरूक करते हैं तो हम समझगें कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार अपने वास्तविक उद्देश्यो को प्राप्त कर रहा है। विदित हो कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने अमृत महोत्सव के श्रृखंलाबद्ध कार्यक्रम के तहत द्वितीय चरण में इस कार्यशाला का आयोजन किया और बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार अन्य कार्यक्रमों को आगे भी किया जायेगा।