औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। भले ही हर चुनाव में इवीएम पर सवाल उठाए जाते है पर जैसे पहले स्ट्रांग रूम के बाहर प्रत्याशियों के समर्थकों द्वारा डेरा डाला जाता था, वह परम्परा अब खत्म हो गयी है।
http://अमारी पंचायत में शोभा की वस्तु बनकर रह गई नल जल योजना
बिहार विधानसभा चुनाव-2020 में अन्य जगहों को छोड़कर यदि सिर्फ औरंगाबाद की ही बात करे तो, यहां के स्ट्रांग रूम के बाहर किसी भी प्रत्याशी के समर्थकों ने डेरा नही डाल रखा है। इसे आरोप लगाने के बावजूद चुनाव आयोग पर भरोसा भी कह सकते है। हालांकि पहले ऐसा नही था। पहले जब चुनाव में इवीएम का इस्तेमाल नही होता था और बैलेट का जमाना था, तो उस वक्त बैलेट बाॅक्स में पड़े मतों की सुरक्षा और कथित हेराफेरी के खेल के डर से हर चुनाव में स्ट्रांग रूम के सील होने के बाद बाजाप्ता तम्बू-कनात लगा प्रत्याशियों के समर्थक डेरा डाले रहते थे।
इस बार औरंगाबाद के स्ट्रांग रूम के बाहर न तो कही तम्बू-कनात और न ही प्रत्याशियों के समर्थकों का डेरा-डंडा ही दिख रहा है। पहले बैलेट की सुरक्षा में कोई कोर-कसर न रह जाए, इसके लिए प्रत्याशियों द्वारा चाक-चैबंद व्यवस्था कर रखी जाती थी। डेरा डाल कर स्ट्रांग रूम और उसके आसपास के इलाके पर कड़ी नजर रखी जाती थी। इवीएम आने पर कुछ एक बार कही-कही हाईटेक इंतजाम तक किए गये पर धीरे-धीरे भरोसा बढ़ता गया और डेरा डालने की नौबत ही खत्म हो गयी।