उत्तर प्रदेश का सुल्तानपुर इलाका एक बड़े मौके का गवाह बना। दरअसल, पीएम मोदी ने मंगलवार को यूपी को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की सौगात दी। जुलाई 2018 में उन्होंने ही इसका शिलान्यास किया था। इस बीच महज 36 महीनों के भीतर यह एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार हुआ है। यह उत्तर प्रदेश का सबसे लम्बा एक्सप्रेस-वे है।
प्रगति, विकास और समृद्धि का एक्सप्रेस-वे
उद्घाटन के बाद आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह राज्य की प्रगति, विकास और समृद्धि का एक्सप्रेस-वे है। उन्होंने कहा कि यह उत्तर प्रदेश की शान और उसका कमाल है। यहां आकर राज्य के विकास का प्रतिबिम्ब देखा जा सकता है।
तरक्की और विकास के लिए CM योगी और उनके मंत्रिमंडल को दी बधाई
पीएम मोदी ने राज्य की तरक्की और विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल को बधाई दी। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में उत्तर प्रदेश और यहां के लोगों के सामर्थ्य पर जिन्हें जरा भी संदेह हो वो आज सुल्तानपुर में आकर यूपी का सामर्थ्य देख सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि जब उन्होंने एक्सप्रेस-वे की नींव रखी तो नहीं सोचा था कि वे इस पर सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान से उतरेंगे।
हरक्यूलिस विमान से पूर्वाचल एक्सप्रेस वे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वायुसेना के मालवाहक विमान सी-130जे हरक्युलिस से एक्सप्रेस वे पर पहुंचे। हरक्युलिस विमान से उतरते ही उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वायुसेना व प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।
पीएम मोदी के संबोधन के अंश…
कार्यक्रम में संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा, मैं यूपी के ऊर्जावान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, उनकी टीम और यूपी के लोगों को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। हमारे जिन किसान भाई-बहनों की भूमि इसमें लगी है, जिन श्रमिकों का पसीना इसमें लगा है, जिन इंजीनियरों का कौशल इसमें लगा है, उनका भी मैं बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।
उन्होंने कहा, गरीबों को पक्के घर मिलें, गरीबों के घर में शौचालय हों, महिलाओं को खुले में शौच के लिए बाहर ना जाना पड़े, सबके घर में बिजली हो, ऐसे कितने ही काम थे, जो यहां किए जाने जरूरी थे। लेकिन मुझे बहुत पीड़ा है, कि तब यूपी में जो सरकार थी, उसने मेरा साथ नहीं दिया।
आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, मुझे मालूम था कि जिस तरह तब की सरकार ने यूपी के लोगों के साथ नाइंसाफी की जा रही है, विकास में भेदभाव किया जा रहा है, जिस तरह सिर्फ अपने परिवार का हित साधा जा रहा है, यूपी के लोग ऐसा करने वाली सरकार को हमेशा-हमेशा के लिए यूपी के विकास के रास्ते से हटा देंगे।
पीएम मोदी ने विपक्ष की सरकारों के बीते दिनों की याद दिलाते हुए कहा, कौन भूल सकता है कि यूपी में पहले कितनी बिजली कटौती होती थी। कौन भूल सकता है कि यूपी में कानून व्यवस्था की क्या हालत थी। कौन भूल सकता है कि यूपी में मेडिकल सुविधाओं की क्या स्थिति थी। यूपी में तो हालात ऐसे बना दिये थे कि यहां सड़कों पर राह नहीं होती थी, राहजनी होती थी।
पूरब के लोगों के लिए लखनऊ पहुंचना होता था महाभारत जीतने जैसा
आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि ये भी एक सच्चाई थी कि यूपी जैसा विशाल प्रदेश, पहले एक दूसरे से काफी हद तक कटा हुआ था। अलग-अलग हिस्सों में लोग जाते तो थे लेकिन एक दूसरे से कनेक्टिविटी ना होने की वजह से परेशान रहते थे। पूरब के लोगों के लिए लखनऊ पहुंचना भी महाभारत जीतने जैसा होता था।
यूपी में आज जितनी पश्चिम की पूछ है, उतनी ही पूर्वांचल की
पिछले मुख्यमंत्रियों के लिए विकास वहीं तक सीमित था जहां उनका घर था, लेकिन आज जितनी पश्चिम की पूछ है, उतनी ही पूर्वांचल के लिए भी प्राथमिकता है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे आज यूपी की इस खाई को पाट रहा है, यूपी को आपस में जोड़ रहा है।
कनेक्टिविटी की चिंता किए बिना ही औद्योगीकरण के दिखाए सपने
एक व्यक्ति घर भी बनाता है तो पहले रास्तों की चिंता करता है, मिट्टी की जांच करता है, दूसरे पहलुओं पर विचार करता है। लेकिन यूपी में हमने लंबा दौर, ऐसी सरकारों का देखा है जिन्होंने कनेक्टिविटी की चिंता किए बिना ही औद्योगीकरण के सपने दिखाए।
परिणाम ये हुआ कि जरूरी सुविधाओं के अभाव में यहां लगे अनेक कारखानों में ताले लग गए। इन परिस्थितियों में ये भी दुर्भाग्य रहा कि दिल्ली और लखनऊ, दोनों ही स्थानों पर परिवारवादियों का ही दबदबा रहा। सालों-साल तक परिवारवादियों की यही पार्टनरशिप, यूपी की आकांक्षाओं को कुचलती रही।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के बारे में…
-341 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे।
-लागत लगभग 22,500 करोड़ रुपये से निर्मित।
-लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिलों से गुजरता है यह एक्सप्रेस वे।
-लखनऊ में सुल्तानपुर रोड (एनएच-731) पर स्थित ग्राम चैदसराय से शुरू होकर उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा से 18 किलोमीटर पूर्व में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर स्थित गांव हैदरिया जिला गाजीपुर पर समाप्त होता है।
-यह एक्सप्रेस वे 6 लेन का है, जिसे भविष्य में 8-लेन तक बढ़ाया जा सकता है।
– पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को 120 किमी प्रति घंटा के लिए डिजाइन किया गया है। हालांकि इस पर वाहनों की गति 100 किमी प्रति घंटा तक अनुमन्य होगी।
-एक्सप्रेस वे पर साढ़े तीन किलोमीटर की एयर स्ट्रिप बनाई गई है जिस पर आपात स्थिति में सेना के जहाज उतर सकते हैं।
-पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर आठ स्थानों पर औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा।
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