नई दिल्ली। केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorat ) यानी ईडी जल्द ही बिहार में ‘नल-जल योजना’ से संबंधित हुए घोटाला सहित कई बड़े सरकारी प्रोजेक्ट में हुए घोटाला मामले में इनकम टैक्स की तफ्तीश रिपोर्ट को आधार बनाते हुए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामला दर्ज कर सकती है। ईडी के सूत्रों का कहना है कि जब तक इनकम टैक्स की पूरी रिपोर्ट हमें नहीं मिल जाएगी तब इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।
दरअसल गुरुवार को हुई इनकम टैक्स (Income tax of India ) की छापेमारी के दौरान कई ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी और दस्तावेज इनकम टैक्स के तफ्तीश करने वाली टीम के हाथ लगे हैं। इससे ये प्रतीत होता है ये एक बहुत बड़ा घोटाला है और इसे साजिश के तहत कई बड़े ठेकेदारों और सरकारी अधिकारियों के आपसी मिलीभगत से अंजाम दिया गया है। इसके साथ ही शुरुआती दौर की तफ्तीश में ये भी जानकारी इनकम टैक्स की टीम को प्राप्त हुई है कि करोड़ों रुपये के घोटाले का पैसा कई बड़े राजनीतिक हस्तियों के पास कमीशन के तौर पर गया था।
कमीशन के इसी लाखों-करोड़ों रुपये का इस्तेमाल चुनाव कार्यों में किया गया है। हालांकि ये अब तफ्तीश का मसला है लेकिन शुरुआती इनपुट्स को देखकर ऐसा लगता है कि इस मामले में बिहार के कई नेताओं के साथ-साथ कई भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों पर जांच एजेंसी अपना शिकंजा कस सकती है। इनकम टैक्स के अधिकारी के मुताबिक ईडी के अधिकारी इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं और कुछ अधिकारी हमारे संपर्क में भी हैं, लिहाजा जल्द ही इस मामले को ईडी भी जल्द ही दर्ज कर सकती है।