अब मनचलों का थोबड़ा तोड़ देंगी औरंगाबाद की लड़कियां, सेल्फ डिफेंस हेतु ले रहीं कराटे की ट्रेनिंग

औरंगाबाद( लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो )। महिलाओं खासकर युवतियों के साथ दुर्व्यवहार, छेड़छाड़ और रेप की बढ़ती घटनाएं सभ्य समाज के लिए निःसंदेह चिंता का विषय है। ऐसी चिंताओं का निदान सिर्फ सरकारों के भरोसे संभव नही है बल्कि इसके लिए समाज को भी आगे आना होगा। ऐसे ही एक मामले में औरंगाबाद की एक युवती ने महिलाओं को खुद की सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भर बनाने की पहल की है।

कराटे सीखती लड़कियां

औरंगाबाद की सुरभि कराटे की ब्लैक बेल्टर है। वह स्नातक की पढ़ाई करने के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगी है। इस बीच मदनपुर के एक गांव की एक युवती के साथ हाल में ही गैंगरेप की घटना हो गई। इस घटना से सुरभि उद्वेलित हो गई। उसने सोंचा कि अब हाथ पर हाथ धरकर बैठे रहने से कुछ नही होगा बल्कि महिलाओं और युवतियों की सुरक्षा के लिए कुछ करना ही होगा। कुछ करने के संकल्प में ही सुरभि को ख्याल आया कि वह खुद कराटे की ब्लैक बेल्टर तो है ही। इस नाते वह महिलाओं और युवतियों को कराटे की ट्रेनिंग देकर उन्हे सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर तो बना ही सकती है। इसी संकल्प के सहारे सुरभि मैदान में उतर गयी।

अब वह शहर के इंडोर स्टेडियम में प्रतिदिन शाम में एक घंटे नियमित रूप से लड़कियों को खुद की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मुफ्त में कराटे की ट्रेनिंग दे रही है। हालांकि कुछ युवक भी सुरभि से उसकी शर्तों पर कराटे की ट्रेनिंग ले रहे है। शर्त यह कि किसी लड़की पर बुरी नजर नही रखनी है। इस तरह रोज एक घंटे की कराटे की ट्रेनिंग से लड़कियों को पढ़ाई में भी बाधा नही आ रही है और अपनी पढ़ाई से वे महज एक घंटे का समय निकाल कर सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भरता की भी ट्रेनिंग ले रही है।

ट्रेनिंग ले रही युवतियों में भी आत्मविश्वास साफ झलकने लगा है और वे विपरीत परिस्थिति में सामने वाले पर हमलावर हो जाने का साहस दिखा सकती है। सुरभि बताती है कि मैंने कराटे की ट्रेनिंग अपने पिता श्याम कुमार से ली है और उसके पिता खुद भी ब्लैक बेल्टर है। कराटे सीखने के बाद वह पढ़ाई के साथ इसका नियमित तौर पर अभ्यास भी करती थी, पर कोई मकसद नही था लेकिन अब मकसद है कि उससे जितना बन सके अधिक से अधिक लड़कियों को कराटे की ट्रेनिंग देकर उन्हे सुरक्षा के मामले में स्वावलंबी बनाना है ताकि विपरीत परिस्थिति में भी सामने वाले से डटकर मुकाबला किया जा सके। सुरभि कहती है कि उसका मानना है कि लड़कियां सिर्फ कलम और दिमाग से ही नहीं बल्कि शरीर से भी स्ट्रांग होनी चाहिए ताकि उनके साथ मनचले कुछ गलत न कर सके।

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