पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। 27 सितंबर भारत बंद की तैयारी बिहार में जोर -शोर से चल रही है। इस भारत बंद को ऐतिहासिक बनाने के लिए बिहार के सभी जिलों में जोरदार तैयारियां चल रही है, सभी जिलों में किसानों, मजदूरों ,छात्रों, नौजवानों,महिलाओं एवं बुद्धिजीवियों के विभिन्न संगठनों की संयुक्त बैठक एवं कंवेंशन हो चुके है। 23 सितंबर को साइकिल एवं मोटरसाइकिल जुलूस निकालकर पूरे राज्य में प्रचार अभियान चलाया गया। 24-25 सितंबर को माईक से प्रचार एवं प्रचार वाहन के साथ नुक्कड़ सभाएं, पर्चा एवं पोस्टर द्वारा आम लोगों से जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा
। 26 सितंबर को पटना में संध्या 6:00 बजे जी.पी.ओ गोलंबर से मशाल जुलूस निकाला जाएगा। साथ ही बिहार के सभी प्रखंड एवं जिला मुख्यालयों पर भी मशाल जुलूस निकाला जाएगा। उक्त जानकारी ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति, बिहार के अशोक प्रसाद ने शुक्रवार को पटना में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि 7 सितंबर को बेमिसाल भारत बंद होगा।
प्रेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि खेती के नाम पर लाए गए तीनों काले कानूनों और बिजली बिल विधेयक देशी -विदेशी कॉर्पोरेट घरानों के फायदे के लिए बनाए गए हैं। ये तीनों कानून वास्तव में किसानों के हाथ से उनकी जमीन और पैदावार दोनों छीनने का काला कानून है, इससे खेती में प्राइवेट कंपनियों, जमाखोरों और कालाबाजारिओं का खेती पर संपूर्ण कब्जा हो जाएगा। जिसका खामियाजा न सिर्फ किसान बल्कि तमाम भुमिहीन ग्रामीण एवं शहरी मेहनतकश को भुगतना पड़ेगा। आसमान छूती महंगाई से पूरे मुल्क में हाहाकार मची है। कॉर्पोरेट घराना गरीबों की हड्डी पर कबड्डी खेल रहे हैं। आम लोगों के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ेगा, देश के अनाज, फल, सब्जी, दलहन, तेलहन एवं दूध आदि को अपनी तिजोरियों में अंबानी अडानी कैद कर पूरे देश को अपनी अंगुलियों पर नचाना चाहते है।
किसान नेताओं ने कहा कि किसान आंदोलन के साथ आज देश का औद्योगिक मजदूर, असंगठित मजदूर, छात्र, नौजवान महिलाएं, बुद्धिजीवीयों, एवं स्कीम वर्कर्स का विभिन्न संगठन ने 27 सितंबर के भारत बंद को सक्रिय समर्थन देकर दिल्ली से पूरा देशव्यापी फैलाने के लिए मैदान में उतर गए है। किसानों की मांगों को लेकर 10 माह पूर्व शुरू हुआ किसान आंदोलन देश दुनिया के जनवादी, धर्मनिरपेक्ष एवं मेहनतकश शक्तियों का अपार जनसमर्थन हासिल कर आज देश बचाने, जमुहरियत बचाने और देश का संविधान बचाने का आंदोलन बन गया है।
किसानों ने 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में ऐतिहासिक महापंचायत के जरिए खुलेआम ऐलान किया है कि अब किसान सिर्फ अन्नदाता ही नहीं वोट दाता भी बनेंगे और बंगाल से जो किसानों ने भाजपा को हराकर शुरुआत इसकी शुरुआत की है। वह आगे यूपी और उत्तराखंड चुनाव में उसे वहां से खदेंरेगे, यदि जरूरत हुई तो किसान 2024 तक आंदोलन चलाएंगे और दिल्ली से भी मोदी को भगाएंगे।
प्रेस सम्मेलन को बिहार राज्य किसान सभा के महा सचिव अशोक प्रसाद सिंह, अ. भा. किसान महा सभा के राज्य सहायक सचिव राजेन्द्र पटेल, बिहार राज्य किसान सभा जमाल रोड के जिला सचिव सोनेलाल प्रसाद, ए.आई. के. के. एम. एस. के नेता मणिकांत पाठक ,अ. भा. खेत मजदूर किसान सभा के नंद किशोर सिंह,ए.आई. के. एफ. के विजय कुमार चौधरी, एन. ए. पी.एम के उदयन, जय किसान आन्दोलन के ऋषि आनंद जनमुक्ति संघर्ष बाहिणी के मणि लाल ने संबोधित किया।
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं. व्हाट्सएप ग्रुप पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें. Google News पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें)