ओबरा(औरंगाबाद)(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। जातीय गणना से बिहार की तकदीर नही बदल सकती। जो काम जंगलराज के उन्मादियों ने किया, उस काम की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए और गणना करानी ही है, तो जाति की जगह अमीर और गरीब की होनी चाहिए ताकि समाज की बड़ी खाई को सरकारी योजनाओं के माध्यम से गरीबों को सबल बनाकर समरस समाज की परिकल्पना पूरी की जा सके।
ये बाते भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राधेश्याम शर्मा ने प्रेस बयान जारी कर कही। कहा कि अभी देश की बड़ी समस्या बढ़ती जनसंख्या है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार का भला चाहते है तो जनसंख्या नियंत्रण हेतु सख्त कानून बनाये। श्री शर्मा ने मुख्यमंत्री को भेजे आग्रही ईमेल का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जातीय गणना के लिए जो ऊर्जा खपत कर रहे है, उससे बिहार का कुछ भी भला नहीं होने वाला है। अगर गणना करानी ही है तो गरीबों की गणना करें, बेरोजगारों की गणना करें। कहा कि मुख्यमंत्री बिहार में हमारे गठबंधन के नेता हैं। इसलिए विरोधियों की गलत राजनीति और उन्मादी सोच के समर्थन के बजाय अपने गठबंधन और सार्थक सोच के साथ आगे बढ़े। कहा कि वर्तमान में देश कोरोना जैसे भयावह संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में देश का कोई गरीब भूखा न रह जाए, इसके लिए प्रधानमंत्री चिंतित हैं और हर गरीब को पांच किलो मुफ्त अनाज दिलवा रहे हैं। लेकिन देश में गलत राजनीति और उन्मादी सोच के लोग ऐसे मौके पर भी देश में नफरत फैलाने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे।
कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिनको बिहार की जनता ने जातीय नरसंहारों से जलते बिहार को शांति के लिए बिहार की गद्दी सौंपी थी, उनसे इस तरह की सोच की परिकल्पना बिहार की जनता नहीं कर सकती। नीतीश कुमार को विकास पुरुष बताते हुए श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री का अवतरण ही बिहार में जातीय नफरत को मिटाने के लिए हुआ था और उस काम को बहुत हद तक उन्होंने अंजाम भी दिया। लेकिन जिन्होंने जातीय नरसंहार में बिहार को लहूलुहान कर दिया। उनके साथ उनकी भाषा मुख्यमंत्री के विकास पुरुष की छवि के विपरीत और कलंकित करने वाली है। कहा कि बिहार में भाजपा जदयू का गठबंधन विकास, अमन चैन और लोगों के विश्वास का गठबंधन है। इसमें जातीय जहर जो किन्हीं और का एजेंडा ह,ै को लाकर अपनी छवि और गठबंधन को कमजोर नहीं किया जाना चाहिए।